समाज | 4-मिनट में पढ़ें

साम्यवाद की बकलोली कर कांवड़ियों को घेरने वाले समझ लें, कांवड़ उठाने के लिए भरपूर गूदा चाहिए!
साम्यवाद की बकलोली करने वाले कितनी जल्दी ये जता देते हैं कि मजदूर होना लानत है.अफसरशाही को कोसने वाले, वही बनने की बात कहते भी हैं तो किस तर्क से? एक आदमी जो कांवड़ में 120 किलो गंगाजल लेकर आया है, ये इसका गूदा है भई! और किसको पता कि ये पढ़ा लिखा नहीं है? क्या पढ़ाई लिखाई का ये मतलब है कि आदमी की लिमिट्स क्रॉस करने की कैपेबिलिटी खत्म हो जाए?
सियासत | 3-मिनट में पढ़ें

कावड़ यात्रा पर योगी और धानी के अलग-अलग फैसलों का अर्थ समझिए...
धर्म और राजधर्म के बीच समन्वय बनाकर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व संतुलित फैसला करता रहा है. शायद ये केंद्रीय नेतृत्व का आदेश ही था कि उत्तरखंड के नवनियुक्त मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कावड़ यात्रा रद्द कर दी, किंतु यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रा को अनुमति दे दी जिससे गफलत की स्थिति उत्पन्न हो गयी है.
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