सियासत | 5-मिनट में पढ़ें
सख्त कानून कायदों का क्या मतलब यदि कानून की आंखों की पट्टी सरक गई हो
कहने को कहा जाता है कानून सबके लिए समान होता है या क़ानून की नजरों में सब समान है. हकीकत में क्या स्थिति इतनी आदर्श है ? कम से कम भारत में तो नहीं है. यहाँ तो गणमान्यों व नेताओं के लिए नियम, कायदे कानून बने ही हैं 'सारे नियम तोड़ दो' के लिए !
समाज | 2-मिनट में पढ़ें
आपबीती: दिल्ली मेट्रो की इस 'नाइंसाफी' से पुरुष समाज आहत है!
हम इस बात को नकार नहीं सकते कि उत्पीड़न का सबसे ज़्यादा शिकार इस समाज में महिलाएं होती हैं, और यह सच है, लेकिन यह भी गलत नहीं है कि महिलाएं अपनी आवाज समय-समय पर उठाती रहती हैं. उनके साथ लोग जुड़ भी जाते है, लेकिन पुरुषों के साथ ऐसा बहुत कम ही देखने को मिलता है जब कोई पुरुष अपने लिए आवाज उठाता है या लोग उसका साथ देते हैं.
सियासत | 6-मिनट में पढ़ें
ताजपोशी पर चोरी का माल भारत को लौटाकर ब्रिटिश हुकूमत के दामन पर लगे दाग धुल लें चार्ल्स!
Queen Elizabeth II की मौत के बाद ब्रिटिश सिंहासन पर पहुंचे किंग चार्ल्स और उनकी पत्नी क्वीन कैमिला को वेस्टमिंस्टर एब्बे में एक धार्मिक समारोह में औपचारिक रूप से ताज पहनाया जाएगा. चूंकि न्यायप्रियता एक राजा का प्रमुख गुण होता है. इसलिए क्या अपनी ताजपोशी के बाद चार्ल्स भारत को वो खजाना लौटाएंगे जिसे ब्रिटिश भारत से चुराकर ब्रिटेन ले गए थे?
सियासत | 4-मिनट में पढ़ें
समाज | 3-मिनट में पढ़ें
सियासत | बड़ा आर्टिकल
धर्म और धर्म ग्रंथों के खिलाफ छिड़ी लड़ाई किस दिशा में जा रही है?
कल के माहौल और आज के में कॉमन है पॉलिटिकल हैंड. कल हैंड कम थे, आज वे मल्टीप्लाई कर गए हैं. इसीलिए माहौल ज्यादा खराब है. और सारा कुछ हो रहा है फ्रीडम ऑफ़ स्पीच के नाम पर. बात न्याय प्रणाली की करें तो चीजें कूल नहीं रख पा रही हैं अदालतें!
समाज | 2-मिनट में पढ़ें
सिनेमा | 5-मिनट में पढ़ें
उपहार सिनेमा त्रासदी के दंश को स्क्रीन पर प्रदर्शित करती है अभय की 'ट्रायल बाइ फायर'
Netflix पर रिलीज ट्रायल बाय फायर, अभय देओल और राजश्री देशपांडे अभिनीत, उपहार सिनेमा त्रासदी के बारे में एक किताब से प्रेरित एक यथार्थवादी सीरीज है. सीरीज आपको दिखाती है कि किसी हादसे में बच्चों की मौत के बाद माता पिता को इंसाफ के लिए किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. कैसे तारीख पर तारीख मिलती है लेकिन इंसान के अंदर से न्याय का भरोसा जाता नहीं है.
सिनेमा | 5-मिनट में पढ़ें


