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सियासत
| 3-मिनट में पढ़ें
रोहित धोलिया
Legislative Assembly Election 2023: चुनाव में जीत का मुद्दा किसान रहेगा या रोजगार?
चुनाव आते ही कुछ मुद्दे जैसे बेरोज़गारी, महंगाई, किसान और महिला सशक्तिकरण, खुद-ब-खुद ट्रेंड में आ जाते हैं. 2018 में कांग्रेस ने किसान के नाम पर ही मध्यप्रदेश में मतदाताओं को आकर्षित करने में सफलता हासिल की थी. इसलिए अब भी कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस इन्ही मुद्दों को थामे रखना चाहेगी. भाजपा की बात करें तो मध्यप्रदेश में पार्टी हर सर्वे में जीत से दूर नज़र आ रही है.
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
रमेश ठाकुर
@ramesh.thakur.7399
दिल्ली एमसीडी जीतकर भी कहीं हार तो नहीं जाएंगे अरविंद केजरीवाल?
AAP ने ‘अच्छे होंगे पांच साल, एमसीडी में भी केजरीवाल’ नारे के साथ चुनाव लड़कर दिल्ली नगर निगम पर कब्जा किया है. उन्हें 250 में 134 सीटें मिली, भाजपा को पंद्रह सालों बाद सत्ता से बेदखल किया है. दरअसल, यहीं से कुछ सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं कि क्या केजरीवाल को भाजपा ने वॉक ओवर देकर फंसा तो नहीं दिया है.
सोशल मीडिया
| 5-मिनट में पढ़ें
स्वाति सिंह परिहार
@swatiparihar87
आज के दौर में लेखक नहीं, बेहतर पाठक बनना बहुत ज़रूरी है!
जो लिखा जा रहा है, उसे हमेशा पढ़ा जाएगा, हर लेखन का अपना पाठक बेस होता है, लेकिन लिखना कब है, कैसे है इसका शॉर्टकट क्या हो सकता है की जगह हमें अपने पढ़ने पर ध्यान केंद्रित करना होगा, बेहतर पाठक बनना हमारे लिए सबसे पहले और सबसे ज़्यादा ज़रूरी है.
सिनेमा
| 4-मिनट में पढ़ें
अनु रॉय
@anu.roy.31
स्वरा भास्कर की फिल्म जहां चार यार: क्या गाली देना, सेक्स का जिक्र करना ही महिला सशक्तिकरण है?
एक्टर स्वरा भास्कर एक बार फिर चर्चा में हैं. कारण है उनकी आने वाली फिल्म जहां चार यार. फिल्म का ट्रेलर आ गया है. ट्रेलर से साफ़ है कि, इस फिल्म में ऐसा कुछ नहीं है जिसे देखकर कहा जाए कि ये फिल्म महिलाओं को, और उनके सशक्तिकरण को समर्पित है.
सिनेमा
| 5-मिनट में पढ़ें
सरिता निर्झरा
@sarita.shukla.37
नुसरत की 'जनहित में जारी' फिल्म देखना जनहित के लिए जरूरी है!
सवा सौ करोड़ से ऊपर की आबादी वाले देश में देश में सेक्स और कंडोम जैसे शब्द खुले में बोलना बेशर्मी समझी जाती है. ऐसे में डायरेक्टर जय बसंतू की नुसरत भरूचा स्टारर 'जनहित में जारी' इसलिए भी देखी जानी चाहिए क्योंकि तमाम मुद्दे हैं जिनपर अब तक पर्दे पड़े थे उन्हें फिल्म में बड़ी ही शालीनता के साथ दिखाया गया है.
सियासत
| 4-मिनट में पढ़ें
मशाहिद अब्बास
@masahid.abbas
Coronavirus: वैक्सीन तो ठीक है, काश एक विपक्ष भी होता...
कोरोना को कंट्रोल करने में सरकार की नाकाम कोशिशें तो भारत के लिए कमजोर कड़ी है ही, साथ ही खामोश विपक्ष भी घातक साबित हो रहा है. एक लोकतांत्रिक देश में इतना कमज़ोर विपक्ष जनता की आवाज़ पर ब्रेक लगाने का कार्य करता है. काश भारत में एक मज़बूत विपक्ष होता तो स्थिति कुछ बेहतर होती.
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
Adam Gondvi: सत्ता को चुनौती देकर, हुक्मरानों को व्यंग्य के कड़वे घूंट पिलाने वाला शायर
अदम के जन्मदिन पर हमारे लिए ये जान लेना बहुत जरूरी है कि वो भारत (India ) के उन चुनिंदा शायरों (Poet ) में हैं जिन्होंने न केवल सत्ता (Power ) को चुनौती दी बल्कि सियासत करने वाले हुक्मरानों (Politicians ) को व्यंग्य (Satire ) के कड़वे घूंट पीने पर मजबूर किया.
सियासत
| 7-मिनट में पढ़ें
मृगांक शेखर
@msTalkiesHindi
तेजस्वी यादव तो छुपा रुस्तम बन कर नीतीश कुमार को छकाने भी लगे हैं!
बिहार चुनाव में 10 लाख नौकरी का वादा करके तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने बेरोजगारी (Unemployment) को बड़ा मुद्दा बनाकर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को चैलेंज तो कर ही दिया है - अगर लोगों ने 2014 की तरह तेजस्वी की बातों को अच्छे दिनों के वादे की तरह ले लिया तो?
सियासत
| 7-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
बिहार चुनाव में सुशांत केस को मुख्य चुनावी मुद्दा बनाने पर आम सहमति लगती है
सुशांत सिंह केस (Sushant Singh Rajput Case) बिहार चुनाव (Bihar Election 2020) में मुख्य मुद्दा बनने की तरफ बढ़ रहा है. देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) को बिहार का प्रभारी बनाया जाना इस दिशा में बड़ा संकेत है - और सभी दलों का इस मुद्दे पर सक्रिय होना इस मुद्दे पर आम राय का इशारा करता है.