सियासत | 5-मिनट में पढ़ें
कल अमर जवान ज्योति के बुझने पर सवाल होंगे, जवाबों को सही-सही देने के लिए तैयार रहे सरकार!
अमर जवान ज्योति जलाने का फैसला सन् 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद हुआ. वह युद्ध जिसमें हमने विजय प्राप्त किया लेकिन गंवाये थे अपने 3,843 जवान. भारतीय सेना के जवानों की शहादत की स्मृति में अमर जवान ज्योति जलायी गयी. वह ज्योति जहां 1972 से आज तक जल रही थी, अब नहीं जलेगी.
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अमर जवान ज्योति 'बुझाने' का सच क्या है, और जानिए इसका इतिहास क्या है...
केंद्र सरकार ने अमर जवान ज्योति (Amar Jawan Jyoti) का राष्ट्रीय युद्ध स्मारक या नेशनल वॉर मेमोरियल (National War Memorial) की ज्योति में विलय करने का फैसला लिया है. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए अमर जवान ज्योति को 'बुझाए' (Extinguished) जाने का दावा किया है. आइए जानते हैं कि अमर जवान ज्योति 'बुझाने' का सच और इसका इतिहास क्या है...
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