समाज | एक अलग नज़रिया | 2-मिनट में पढ़ें
देखो भैया ई बजट में क्या हुआ, आपको समझ आ जाए तो हम जैसों को समझा देना!
मुन्ना भाई एमबीबीएस में एक डायलॉग है, तू समझ ले मुझे बाद में सीखा देना. यही हाल बजट समझने वाले हमारे जैसे कुछ लोगों का है. इस फिल्म एक सीन में जब टीचर दूसरें बच्चों के साथ मुन्ना को पढ़ा रहा होता है तो उसे सिलेबस का कुछ भी समझ नहीं आता है. सबकुछ उसके सिर के ऊपर से निकल जाता है. दिमाग में कुछ घुसता नहीं है. यह बजट भी आम लोगों के लिए ऐसा ही है.
सोशल मीडिया | एक अलग नज़रिया | 5-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 2-मिनट में पढ़ें
सियासत | 7-मिनट में पढ़ें
सियासत | 3-मिनट में पढ़ें
राहुल गांधी का 'न्याय' कहीं 70 साल पुरानी राशन वाली पीडीएस स्कीम की तरह तो नहीं!
आम चुनाव से पहले वोटरों के मन में कई सवाल होंगे. क्या कांग्रेस बाकी चालू सब्सिडीज़ को बंद कर देगी? देश की जो आर्थिक स्थिति है उसमें कृषि ऋण माफी योजनाए और न्यूनतम आय योजना एक साथ तो चलना मुमकिन नहीं है. अगर बगैर काम किये 6 हज़ार रूपया महीने मिलने लगे तो मनरेगा का क्या होगा?
इकोनॉमी | 2-मिनट में पढ़ें
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