सोशल मीडिया | 7-मिनट में पढ़ें

बिरयानी सिर्फ इमोशन है, कहीं की भी हो, कैसी हो!
बिरयानी के कारण फेसबुकऔर ट्विटर पर महिलाओं को आलसी कह दिया गया. जिन्हें लगता है कि उन्हें बिरयानी को घेरने का मौका मिल गया है, वे जान लें बिरयानी का अर्थ चावल, खड़े मसालों को मीट डालकर घी मिले पानी में उबाल देना नहीं है. बिरयानी एक इमोशन है. इसमें हमें कला और साहित्य जैसा अनूठा संगम दिखाई देता है.
सियासत | 6-मिनट में पढ़ें

‘स्व’ के आधार पर छत्रपति शिवाजी महाराज ने स्थापित किया ‘हिन्दवी स्वराज्य’!
राज्य संचालन के अन्य क्षेत्रों में भी शिवाजी महाराज ने ‘स्व’ की भावना के आधार पर व्यवस्थाएं बनायीं. स्वराज्य की अपनी मुद्रा होनी चाहिए इसलिए महाराज ने मुगलों द्वारा चलाई गई मुद्रा बंद करके सोने और तांबे के नये सिक्के जारी किए थे. शिवाजी ने बड़े आर्थिक व्यवहार के लिए स्वर्ण मुद्रा बनवायी, जिसे ‘होन’ नाम दिया गया. जबकि सामान्य आर्थिक व्यवहार के लिए तांबे की मुद्रा बनवायी गई, इस ताम्र मुद्रा को ‘शिवराई’ कहा गया.
सोशल मीडिया | 4-मिनट में पढ़ें

राम कचौड़ी वाला था तो मंदिर में मटन आर्डर करने के बावजूद बच गया, अब्दुल होता तो कहानी दूसरी थी!
दिल्ली में, स्विगी के डिलीवरी बॉय ने, मंदिर में मटन मंगा रहे राम कचौड़ी वालों के साथ जो किया और उसपर जो हिंदूवादी संगठनों ने किया वो तो हमने देख ही लिया. सोचिये अगर यहां कोई सुलेमान या अब्दुल होता और वो बीफ मंगाता तो क्या हिंदूवादियों का रवैया इतना ही सहज रहता?
सोशल मीडिया | 4-मिनट में पढ़ें

होली पर Boycott तो होना ही था, खाने को छोड़कर हर मुद्दे पर बात कर रहा है Swiggy!
Swiggy जब आया तो महसूस हुआ कि अब घर बैठे ही लोगों को क्वालिटी फ़ूड मुनासिब कीमतों पर मिलेगा। शुरू- शुरू में ऐसा हुआ लेकिन अब वैसे हालात नहीं हैं. अब Swiggy ने खाने से ध्यान हटा लिया है और हर मुद्दे पर बात कर रहा है फिर चाहे वो दिवाली और होली ही क्यों न हो.
संस्कृति | 6-मिनट में पढ़ें
समाज | 5-मिनट में पढ़ें

आखिर कब तक दलितों और अल्पसंख्यकों की मॉब लिंचिंग होती रहेगी?
सुप्रीम कोर्ट ने दलितों और अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों के खिलाफ मॉब लिंचिंग और भीड़ द्वारा हिंसा की घटनाओं को भीड़तंत्र के भयावह कृत्यों के रूप में निरूपित किया था. इसके साथ संसद से आग्रह किया था कि लिंचिंग को दंड के साथ एक अलग अपराध बनाने वाले कानून का मसौदा तैयार किया जाए, लेकिन अभी तक इस पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई है.
समाज | 5-मिनट में पढ़ें

आखिर क्यों मर्दों के कारण लड़कियां होली पर सड़कों पर नहीं निकल पातीं
होली चाहे गांव-देहात की हो या मेट्रो सिटी के क्लब की. महिलाओं से अभद्रता करते शराब भांग के नशे में लड़कियों, महिलाओं को यहां वहां छूते लोग मिल ही जाएंगे. महिलाओं से कहा जायेग कि बद्तमीजी करने वाला पुरुष होश में नहीं है तो उसे बुरा नहीं मानना चाहिए.
समाज | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें
सिनेमा | 2-मिनट में पढ़ें
