सियासत | बड़ा आर्टिकल

नड्डा का एक्सटेंशन उनके प्रति मोदी-शाह के भरोसे की कमी का संकेत है
जेपी नड्डा (JP Nadda) को एक और कार्यकाल काम करने (BJP President) का मौका भी दिया जा सकता था, लेकिन मोदी-शाह (Modi-Shah) की नेतृत्व वाली बीजेपी कार्यकारिणी ने सिर्फ साल भर का एक्सटेंशन मिला है - आगे सब इस बात पर निर्भर करता है कि 10 में से कितने मार्क्स मिलते है?
सियासत | बड़ा आर्टिकल

त्रिपुरा में विधायकों का सत्ताधारी गठबंधन छोड़ना बीजेपी के लिए अच्छा संकेत नहीं है
त्रिपुरा में बिप्लब देब (Biplab Deb) को हटाकर बीजेपी ने माणिक साहा (Manik Saha) को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठा तो दिया, लेकिन विधायकों को रोक नहीं पा रही है - चुनाव (Tripura Election 2023) के ऐन पहले बीजेपी विधायक का इस्तीफा देकर कांग्रेस में चले जाना तो और भी खतरनाक बात है.
सियासत | बड़ा आर्टिकल

प्रियंका गांधी का कांग्रेस में बढ़ता दबदबा राहुल के लिए राहत है या मुसीबत?
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर कांग्रेस अध्यक्ष बनने का काफी दबाव रहा, लेकिन मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने आखिरकार निजात दिला ही दी. वैसी ही उम्मीद अब प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi) से भी है - क्योंकि उनकी भूमिका अब संकटमोचक से आगे बढ़ने वाली है.
सियासत | बड़ा आर्टिकल

चुनावी विश्लेषणों में मुस्लिम फैक्टर को नजरअंदाज करना बहुदलीय लोकतंत्र के लिए अब जरूरी है
अब हर जेब में इंटरनेट होने की वजह से चुनावों से जुड़ा जितना डेटा किसी पत्रकार, विश्लेषक और पार्टी प्रवक्ताओं के पास हैं- लगभग उतना ही डेटा आम मतदाता के पास भी है. अब अंग्रेजी का भी भौकाल नहीं रहा. इसलिए विश्लेषण के नाम पर फर्जी स्थापनाएं कर पार्टियों को गुमराह ना किया जाए तो ही अच्छा है. मुस्लिम एंगल से विश्लेषण के नाम पर होता क्या है और इसका मकसद क्या है, आइए जानते हैं...
सियासत | बड़ा आर्टिकल

राहुल गांधी ने चुनाव के लिए भारत जोड़ो यात्रा से छुट्टी क्यों नहीं ली? गुजरात में होती कम दुर्गति
राहुल गांधी का इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है कि अब जबकि राजनीति में मुसलमान मुद्दा ही नहीं रहे- भारत जोड़ो की थकाऊ यात्रा के बाद किस वोट बैंक के सहारे भविष्य में प्रधानमंत्री बनने का सपना देखेंगे. इस देश का समाज तो दस-बीस रुपये की चीज के लिए तमाम ऑफर चेक कर ही फैसला लेता है. किसी को यूं ही देश की कमान थोड़े दे देगा.
सियासत | बड़ा आर्टिकल

हिमाचल चुनाव नतीजों में कांग्रेस, बीजेपी और आप के लिये ये संदेश हैं...
हिमाचल प्रदेश के चुनाव नतीजों (Himachal Pradesh Election Results) ने जितनी खुशी प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) को दी है, मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) भी इसे शुभ शुरुआत जैसे ही ले रहे होंगे - ये बात अलग है कि ये कांग्रेस की जीत से ज्यादा बीजेपी की हार के तौर याद की जाएगी.
सियासत | 6-मिनट में पढ़ें

हिमाचल में कांग्रेस के भाग से कैसे टूटा राजनीति का छींका!
हिमाचल चुनाव की घोषणा के बाद गांधी परिवार की अनुपस्थिति को लेकर जब बार-बार मीडिया में सवाल होने लगे. आखिर में प्रियंका को मोर्चे पर लगाया गया. पहले उनकी 16 सभाएं करने की योजना थी और लेकिन उन्होंने मात्र 4 सभाओं को करके कोटा पूरा किया. बावजूद कि नतीजे कांग्रेस के पक्ष में हैं लेकिन असल राजनीतिक खेल तो वहां नतीजों के बाद से शुरू होने वाला है. देखते जाइए.
सियासत | 3-मिनट में पढ़ें

कांग्रेस के लिए हिमाचल चुनाव जीतने से ज्यादा बड़ी चुनौती- कौन बनेगा सीएम?
हिमाचल प्रदेश चुनाव (Himachal Pradesh Elections) के नतीजों में कांग्रेस (Congress) की सरकार बनती नजर आ रही है. लेकिन, हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की जीत के साथ ही सियासी बवाल होने की आशंका भी बढ़ गई है. क्योंकि, राज्य में सीएम पद (CM Face) के दावेदारों की एक लंबी-चौड़ी लिस्ट है. आसान शब्दों में कहें, तो कांग्रेस के लिए असल चुनौती अब शुरू होगी.
सियासत | 5-मिनट में पढ़ें
