समाज | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें

स्वरा भास्कर के आंसू 'नकली' बताने वाले आखिर क्या दलील देना चाहते हैं?
स्वरा भास्कर की शादी उनकी मर्जी से हुई है. वे अपने नियम खुद बनाती हैं. वे पहले से भी घर से दूर ही रहती थीं. विदाई के टाइम पर इमोशनल होना अलग बात है और इस तरह स्वरा का रोना अलग. वे कौन सा शादी करके पराई हो गई हैं. उनकी लाइफ आम लड़कियों से काफी अलग है. उन्हें किसी बात की मनाही नही है जबकि आम लड़कियों को शादी के बाद माता-पिता से मिलने के लिए भी परमिशन लेनी पड़ती है. कहने का मतलब यह है कि जिन बातों के कारण लड़की विदाई के समय रोती हैं वो स्वरा के मामले में नहीं दिखता है...
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जोशीमठ की रोती-बिलखती महिलाएं दिल पर पत्थर रख अपने घरों को अलविदा कह आईं हैं
दुनिया कहां से कहां जा रही है मगर महिलाओं की दुनिया तो उनका घर होती है. घर की चारदावारी में उनकी धड़कन बसती है. वे कहीं भी चली जाएं घर आकर ही उन्हें चैन मिलता है. वे ही तो मकान को घर बनाती है. अपने हाथों से करीने से सजाती हैं. तीज त्योहार पर खुद भले ना सजें मगर घर को जरूर सजाती हैं.
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