समाज | बड़ा आर्टिकल
अब खैर नहीं हनुमान की, पॉलिटिक्स की कुदृष्टि 'हनुमान चालीसा' पर भी पड़ सकती है
नेताओं की कुदृष्टि पड़ चुकी है, ख़ास जो हो गए हैं उनके. कोई आश्चर्य नहीं बयान आता ही होगा कि हनुमान चालीसा अंधविश्वास की पैरोकारी करती है, बढ़ावा देती है, भूत पिशाच निकट न आवे, महावीर जब नाम सुनावे लाउडस्पीकर में बोला जो जाने लगा है.
सियासत | 4-मिनट में पढ़ें
स्पोर्ट्स डे पर 'कौमी एकता' के नाम पर अजान गीत का ड्रामा... लोग तो आहत होंगे ही!
उडुपी के प्राइवेट स्कूल में अज़ान गीत ने एक नए विवाद को जन्म देते हुए हिंदूवादी संगठनों को एकजुट कर दिया. स्कूल में अजान गीत को लेकर विवाद कुछ इस हद तक बढ़ा की बाद में स्कूल को मैटर ख़त्म करने के माफ़ी तक मांगनी पड़ी. सवाल ये है कि स्कूल को कौमी एकता का ये ड्रामा करने की जरूरत क्या थी?
सियासत | 4-मिनट में पढ़ें
लाउडस्पीकर से परेशानी क्या है? कभी मुस्लिम मुहल्लों में रमजान में सोकर तो देखिये!
लाउडस्पीकर के सन्दर्भ में आई एक याचिका को ख़ारिज करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि मस्जिदों पर लाउडस्पीकर लगाना मौलिक और संवैधानिक अधिकारों के दायरे में नहीं आता है. मुस्लिम मोहल्ले का बाशिंदा होने के नाते, मुझे बहुत सुकून मिला इस फैसले से.
सियासत | 5-मिनट में पढ़ें
मंदिर-मस्जिद का शोर थमे, तभी बुनियादी समस्याएं सुनाई देंगी...
योगी आदित्यनाथ ने मुनादी करवा दी है- न मस्जिद पर लाउडस्पीकर बजेगा, न मंदिर पर. वो कहीं नहीं बजेगा. बजेगा भी तो आवाज चारदीवारी बाहर न जाने पाए. अब इसी बात पर शोर है कि इस मुनादी का टारगेट क्या वाकई लाउडस्पीकर है, या कुछ खास तरह के लाउड लोग?
सियासत | बड़ा आर्टिकल
Azan Vs Hanuman Chalisa वाली मुहिम में मुसलमान महज एक पॉलिटिकल टूल है
अजान के मुकाबले हनुमान चालीसा का पाठ (Hanuman Chalisa vs Azan Clash) फ्रंट पर कोई और कर रहा है, निशाने पर कोई और है. महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के खिलाफ शुरू हुआ ये कैंपेन यूपी पहुंच चुका है - और आंच अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) तक पहुंचने लगी है.
ह्यूमर | 4-मिनट में पढ़ें
मस्जिद का माइक बंद करना भूल गए मौलवी, फिर पूरे मोहल्ले ने लगाए ठहाके!
#Shweta Your Mic Is On पर जारी चर्चा पर अभी विराम लगा भी नहीं था कि इंटरनेट पर एक वीडियो और वायरल हुआ है जिसमें अज़ान के बाद मौलवी साहब माइक ऑन करके सो गए और उनके डरावने खर्राटे पूरे मुहल्ले ने सुने। सवाल ये है कि क्या सोते हुए आदमी को अपने खर्राटे भी सुनाई नहीं देते.
सोशल मीडिया | 6-मिनट में पढ़ें
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