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Updated: 03 मार्च, 2018 07:26 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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त्रिपुरा में भाजपा ने माणिक सरकार के किले को ध्वस्त कर दिया है. मेघालय और नागालैंड में भी इतिहास रच कर भाजपा ने विपक्ष विशेषकर गुजरात चुनाव में नंबर दो की पोजीशन पर आने वाली कांग्रेस और पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं. भाजपा की इस जीत से जहां एक तरफ समर्थकों का उत्साह देखने वाला है तो वहीं पीएम मोदी और अमित शाह ने भी देश की जनता का आभार प्रकट किया है.

इस जीत के बाद पीएम मोदी ने कहा है कि लोकतंत्र में विजय और पराजय स्वभाविक होते हैं, लेकिन राजनीतिक दलों को विजय को पचाना बहुत मुश्किल होता है. 2014 से मैं लगातार देख रहा हूं. जो लोग लोकतंत्र की बार-बार दुहाई देते रहे हैं. वह पराजय को नहीं स्वीकार कर पा रहे हैं हिंदुस्तान के राजनीतिक विश्लेषकों को इस बात को समझना होगा. शून्य से शिखर तक की यात्रा हमने तय की है. सूरज जब ढलता है तो लाल रंग का होता है और जब उदय होता है तो केसरिया रंग लेकर उभरता है.

नरेंद्र मोदी, त्रिपुरा, अज़ान, भाषण    अज़ान के वक़्त भाषण रोककर पीएम मोदी ने फिर अपने आलोचकों के मुंह पर ताला जड़ा है

पीएम मोदी कुछ भी करें तारीफ से लेकर आलोचना सब होती है. इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ. अपने विजय भाषण के लिए पीएम जिस वक़्त मंच पर चढ़े, अज़ान हो रही थी और मोदी ने अपना संबोधन रोक दिया. इधर मंच पर मोदी चुप थे मगर उधर सोशल नेटवर्किंग साईट ट्विटर पर सरगर्मियां तेज थीं. "अजान" शब्द ट्विटर के टॉप ट्रेंड में शामिल था और लोग इस पर जमकर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे.

आइये नजर डालते हैं ट्विटर के उन ट्वीट्स पर और देखते हैं कि पीएम मोदी के इस अंदाज पर देश की जनता का क्या रिएक्शन है.

इस ट्विटर ट्रेंड पर ट्वीट्स की बाढ़ आ गयी है और इन ट्वीट्स को देखकर ये साफ पता चल रहा है कि देश की जनता को अपने पीएम का ये अंदाज खूब भाया है. पीएम मोदी ने भी अजान के दौरान अपनी स्पीच रोककर उन आलोचकों के मुंह पर ताला जाड़ा है जिनका एकसूत्रीय काम पीएम, उनके कृत्यों और उनकी बातों की आलोचना है.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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