सियासत | 2-मिनट में पढ़ें

गणतंत्र दिवस की झांकियां बदलते हुए भारत की फिल्म का ट्रेलर थीं
74वां गणतंत्र दिवस कई मायनों में यादगार रहा. परेड जहां पहली बार राजपथ के बजाए कर्तव्य पथ पर हुई. तो वहीं इस बार परेड में महिलाओं और अग्निवीरों का बोलबाला रहा. इसके अलावा राज्यों की झांकियों में भारत की धार्मिक-सांस्कृतिक विरासत का प्रभाव रहा.
समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें

छत्तीसगढ़ में पहली महिला अग्निवीर ने साबित किया कि सरकार का यह फैसला गलत नहीं था
हिषा के जो हालात हैं, उसके लिए यह नौकरी किसी सुनहरे अवसर से कम नहीं है. उसे इस नौकरी की सख्त जरूरत थी. उसका आत्मविश्वास चेहरे से झलक रहा है. एक छोटे से गांव की लड़की ने सपना देखने की हिम्मत की और आज अग्निवीर की बदौलत वह सच हो गया.
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Agnipath Scheme में 'जातिवाद' की बात अनर्गल सही, विपक्ष ने दूध का दूध ,पानी का पानी करवा दिया!
'अग्निपथ योजना' के अंतर्गत भारतीय सेना के भर्ती फॉर्म में, जाति के कॉलम को मुद्दा बनाने वाले विपक्ष ने भले ही घटिया बातें की हों. लेकिन ये बातें इसलिए भी जरूरी हैं, क्योंकि इन्हीं के बाद दूध का दूध और पानी का पानी होता है. और सच निकल कर बाहर आता है.
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Agnipath Row: बिहार में बवाल के बीच जेडीयू-बीजेपी आमने-सामने क्यों?
अग्निपथ को लेकर जेडीयू बीजेपी के बीच के मतभेद को समझा जा सकता है. एक ओर जहां बीजेपी शासित राज्यों ने अग्निवीरों के लिए केंद्र की नौकरी के बाद राज्य सरकारों की सेवा में प्राथमिकता देने का ऑफर दिया है, तो वहीं बिहार में छात्रों के प्रदर्शन के बाद भी बीजेपी की गठबंधन साथी जेडीयू ने छात्रों के लिए ऐसी कोई घोषणा नहीं की है.
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अग्निपथ योजना मोदी सरकार के 'ख़राब पब्लिक कम्युनिकेशन' का एक और नमूना है!
नरेंद्र मोदी की सरकार में सामूहिक फैसले करने की परम्परा के बदले कुछ नेता मंत्री ही महत्वपूर्ण फैसले में शामिल होते हैं जिस कारण कई नेता, मंत्री में जानकारी का अभाव भी साफ़ तौर पर दिखता है. अब कारण चाहे जो भी हो मगर आगे से मोदी सरकार को यह जरूर ध्यान रखना होगा कि ऐसे किसी भी योजना में जिसमें विवाद की संभावना हो उसमें सरकार अपनी बात बेहतर ढंग से आम लोगों के बीच में रखे.
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युवाओं में आग भड़का कर, उसी आग में जलता छोड़ भागे खुद को उनका मसीहा बताने वाले!
Agnipath Scheme के विरोध में शांति भंग करने वाले लोगों को समझना होगा कि सही ग़लत की पहचान आपको करनी है. देखिए दो वक़्त की रोटी, सिर पे छत, परिवार की देखभाल आपको ही करनी है इसलिए आप सिर्फ़ अपना सोचिए. जिनके भड़काने पर ट्रेन, बस जला आए देखिए वो भी आज आपको छोड़ कर भाग खड़े हुए हैं.
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समस्या 'अग्निपथ' में नहीं कहीं और है, जानने के लिए बिहार की ओर नजर घुमा लीजिए...
मोदी सरकार (Modi Government) बिहार के लोगों से उनका हक छीन लेना चाहती है. बताइए सरकारी नौकरी (Agnipath Scheme) ही नहीं रहेगा, तो लड़का के लिए दहेज कौन देगा जी? दहेज छोड़िए, कोई लड़की नहीं मिलेगी. क्योंकि, इस दुनिया में रहने वाले सारे शादीशुदा बिहारी (Bihar) तो सरकारी नौकरी ही ना करते हैं.
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