समाज | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें

फेयरनेस क्रीम का ऐड करने वाली प्रियंका चोपड़ा अब क्यों पछता रही हैं
प्रियंका खुद सांवले रंग की थी, फिर उन्होंने फेयरनेस क्रीम का ऐड करने का फैसला क्यों लिया? क्योंकि उस वक्त वे सिर्फ अपना फायदा देख रही थीं. अपना करियर बना रही थीं, उन्हें इस बात से कोई मतलब नहीं था कि उनके इस ऐड का सांवली लड़कियों के मन पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | बड़ा आर्टिकल

राधिका आप्टे और ईशा गुप्ता ने बॉलीवुड में बेस्ट फिगर की जद्दोजहद से पर्दा उठाया
राधिका आप्टे ने कहा है कि बॉलीवुड में उन्हें नाक ठीक कराने और ब्रेस्ट की सलाह दी गई थी. इसके बाद उन्हें जबड़ा, गाल, पैर और बोटोक्स करने को कहा गया. बॉलीवुड की हिरोइनें अपने शरीर को परफेक्ट बनाने के लिए जो दबाव सहती हैं, वैसा रवैया शायद हर लड़की अपने जीवन में किसी न किसी मोड़ पर महसूस किया होगा.
समाज | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें

सुंदर दिखने के चक्कर में दुल्हन की पार्लर में मौत, वैसे खूबसूरती जरूरी है या जिंदगी?
जो काला है, उसे गोरा होना है, जो गोरा है उसे काला होना है, जो गोरा है उसे एकदम सफेद होना है, जो सफेद है उसे पिंक वाला गोरा होना है. जो मोटा है उसे पतला होना है और जो पतला है उसे मोटा होना है...किसी को होंठ मोटे करने हैं तो किसी को गाल उभारने हैं. ऊफ्फ इतना सारा एक्सपेरिमेंट वो भी एक ही शरीर पर...
समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें

गोरा बच्चा पैदा हो इसलिए गर्भवती महिला को कैसे-कैसे टिप्स दे दिए जाते हैं
महिला के मां बनते ही लोगों इस बात की अपेक्षा करते हैं कि आने वाला बेबी बेटा ही होना चाहिए. वह गोरा भी होना चाहिए. इसलिए कमरे में बाल-गोपाल की मूर्ति रख दी जाती है. इसके बाद घर की दीवारों पर गोरे और सुंदर बच्चों के पोस्टर चिपकाए जाते हैं.
सोशल मीडिया | 7-मिनट में पढ़ें

सब्यसाची कलेक्शन की नुमाइश के बहाने मसाबा गुप्ता ने सुंदरता की बहस को नया आयाम दे दिया
एक ऐसे समय में जब सुंदरता का मतलब गोरापन हो फैशन डिज़ाइनर सब्यसाची ने अपना ब्राइडल कलेक्शन लांच किया है. सब्यसाची ने कलेक्शन के लिए मसाबा गुप्ता को चुना है और फोटोशूट करवाया है. फोटोशूट और कलेक्शन की दिलचस्प बात ये है कि इसमें मसाबा डार्क स्किन ब्यूटी को रीडिफाइन किया है.
समाज | 3-मिनट में पढ़ें
समाज | 5-मिनट में पढ़ें
समाज | 7-मिनट में पढ़ें