सियासत | 7-मिनट में पढ़ें
Neha Singh Rathore: लोकगीतों के व्यंग्यों से भी सरकारें डरने लगे तो समझ जाइए माहौल गड़बड़ है
इन दिनों लगता है सत्ताधारी पार्टी का विश्वास हिल गया है, तभी तो वे अतिरंजना में आकर बेवजह ही प्रतिक्रिया देने लगे हैं. चुनावी साल है, महंगा पड़ेगा उन्हें! क्योंकि विपक्ष के सरकारी तंत्रों के दुरूपयोग के सदाबहार आरोप को बल जो मिलेगा.
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