सियासत | बड़ा आर्टिकल

राजस्थान में वसुंधरा राजे किसकी सरकार बनवाने जा रही हैं - बीजेपी, कांग्रेस या अपनी?
राजस्थान चुनाव (Rajasthan Election 2023) में छह महीने से ज्यादा वक्त बचा है, और कांग्रेस भी वैसी ही चुनौतियों से जूझ रही है, जैसी मुश्किलें बीजेपी (BJP) के सामने हैं - वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) तो तीसरी ताकत के तौर पर मैदान में उतर आयी हैं, देखना होगा कौन भारी पड़ता है?
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पूर्वोत्तर में बीजेपी की धमाकेदार वापसी पीएम मोदी की मेहनत का नतीजा है!
2014 में जब नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री का पदभार संभाला था, तो उस समय केवल सात ही राज्यों में भाजपा और उसके सहयोगियों की सरकार थी. वहीं, कांग्रेस और उसके सहयोगी 14 राज्यों में सत्ता में थे. इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री मोदी के जनकल्याणी नीतियों और संकल्पों को जनमानस द्वारा एक अभूतपूर्व स्वीकार्यता मिली है.
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राहुल की भारत जोड़ो यात्रा से देश नहीं जुड़ा, पूर्वोत्तर तो बिल्कुल भी नहीं!
नागालैंड में 1, मेघालय और त्रिपुरा में 60-60 सीटों में से कांग्रेस पार्टी ने 4 सीटों पर लीड दर्ज की है. तीनों ही राज्यों में जैसी परफॉरमेंस कांग्रेस की रही, साफ़ हो गया कि भले ही राहुल गांधी की इमेज बिल्डिंग हो गयी हो लेकिन भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस को कोई फायदा नहीं हुआ. यात्रा अपने से देश को नहीं जोड़ पाई. पूर्वोत्तर को तो बिल्कुल भी नहीं.
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त्रिपुरा की चुनावी लड़ाई, हर दल एक दूसरे पर भारी
भाजपा सत्ता में वापसी के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 फरवरी से त्रिपुरा दौरे पर हैं. त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री दो चुनावी सभाओं को संबोधित करने वाले है. यह चुनावी सभा त्रिपुरा के गोमती और ढलाई में होगी. त्रिपुरा की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए 16 फरवरी को मतदान होना है.
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त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में भाजपा की राह कितनी आसान?
जल्द ही त्रिपुरा के लिए 13वीं विधानसभा का चुनाव होगा. ये ऐसा राज्य है जो एक वक्त वामपंथी शासन का गढ़ था, लेकिन 2018 के चुनाव में भाजपा ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) यानी सीपीएम की सत्ता को यहां से उघाड़ फेंका. अब आम लोगों से लेकर राजनीतिक विश्लेषकों के जेहन में ये सवाल गूंज रहा है कि क्या इस बार भाजपा अपनी सत्ता बरकरार रख पाएगी या सीपीएम को फिर से मौका मिलेगा.
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त्रिपुरा में विधायकों का सत्ताधारी गठबंधन छोड़ना बीजेपी के लिए अच्छा संकेत नहीं है
त्रिपुरा में बिप्लब देब (Biplab Deb) को हटाकर बीजेपी ने माणिक साहा (Manik Saha) को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठा तो दिया, लेकिन विधायकों को रोक नहीं पा रही है - चुनाव (Tripura Election 2023) के ऐन पहले बीजेपी विधायक का इस्तीफा देकर कांग्रेस में चले जाना तो और भी खतरनाक बात है.
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2024 लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के लिए किन -किन राज्यों में अग्निपरीक्षा?
2023 में राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना जैसे बड़े राज्यों के अलावा पूर्वोत्तर के त्रिपुरा, मेघालय, नगालैंड और मिजोरम में भी विधानसभा चुनाव होने हैं. इस तरह करीब दस राज्यों में चुनावी बिगुल बज सकता है. इन राज्यों के परिणाम ही आगमी लोकसभा चुनाव में बीजेपी की दशा और दिशा तय करेंगे.
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बिप्लब देब बदले जाने वाले बीजेपी के आखिरी मुख्यमंत्री हैं या बाकियों की भी बारी है?
बिप्लब देब (Biplab Deb) भी चुनाव से पहले हटा दिये जाने वाले बीजेपी मुख्यमंत्रियों की सूची में शामिल हो गये हैं - त्रिपुरा के मुख्यमंत्री (Tripura CM Resigns) ने बीजेपी नेता अमित शाह (Amit Shah) से मिलने के एक दिन बाद राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया है.
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