सियासत | बड़ा आर्टिकल

महिला आरक्षण की मांग करने वालों उनके एक होने के साथ इसके मुद्दों पर भी एक होना पड़ेगा!
महिला आरक्षण पर शुरू हुई फिर से राजनीति पर भाजपा ने चुप्पी साध ली है.विपक्षी पार्टियों ने सरकार से मांग की है कि संसद के बजट सत्र में फिर से महिला आरक्षण बिल लाया जाए. टीआरस नेता कविता राव ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 2014 में इसे लागू करने की बात कही थी, लेकिन 9 साल बाद भी भाजपा इसे संसद में पेश नहीं कर पाई है.
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2023 कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए जेडीएस कितनी तैयार?
2018 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जेडीएस ने 37 सीटें जीती. जीती सीटों में से 31 सीटें पुराने मैसूर क्षेत्र से आती हैं और यही कारण है कि जेडीएस की नजर इस इलाके पर है. वहीं इस इलाके में बीजेपी को 89 सीटों में से 22 और कांग्रेस को 32 सीटों पर संतोष करना पड़ा. इस क्षेत्र में वोक्कालिगा समाज काफी बड़ी संख्या में रहता है.
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यूपी नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर कोर्ट को जो कहना था उसने कह दिया...
यूपी में नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट का फैसला सरकार पर अनेकों अंगुलियां उठाने को मजबूर करता है. इसका सबसे बड़ा कारण है, सरकार द्वारा आरक्षण लागू करने से पहले ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूले को सिरे से ख़ारिज करना.
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वीपी सिंह: भारत के सियासी इतिहास का एक तिरष्कृत व्यक्तित्व
मंडल कमीशन की वजह से वीपी सिंह (VP Singh) के लिए सवर्णों (Upper Caste) के अंदर उनके लिए सम्मान नहीं बचा. ये तो बात समझ में आती है. लेकिन, क्या उनका आज तक इतना भी सम्मान नहीं किया जाना चाहिए था कि उनके नाम से ओबीसी समुदाय (OBC) के नेताओं के द्वारा किसी विश्वविद्यालय की स्थापना ही की जाती, उनकी कोई मूर्ति ही लगवाई जाती.
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मुस्लिम और ईसाई दलितों को नहीं दिया जा सकता एससी का दर्जा! जानिए केंद्र सरकार के तर्क
संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश, 1950 के अनुसार, केवल हिंदू, सिख और बौद्ध दलितों को अनुसूचित जाति (Schedule Caste) का दर्जा दिया जा सकता है. संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश, 1950 में सिख दलितों को 1956 और बौद्ध दलितों को 1990 में अनुसूचित जाति का दर्जा दिया गया था. लेकिन, धर्म परिवर्तन कर इस्लाम और ईसाई बनने वाले दलितों को आरक्षण (Dalit Reservation) नहीं मिलता है.
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EWS Reservation पर सुप्रीम मुहर के बाद बहस, लेकिन राज्य बढ़ाते रहे हैं आरक्षण की सीमा
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS Reservation) के 10 फीसदी आरक्षण पर मुहर लगा दी है. जिसके बाद देश में आरक्षण की सीमा 59.5 फीसदी हो गई है. लेकिन, राज्यों (State) में आरक्षण की ये सीमा पहले से ही पार कर दी गई है. कई राज्यों में आरक्षण की सीमा 82 फीसदी तक है. आइए जानते हैं वर्तमान में राज्यों में आरक्षण की क्या स्थिति है?
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काश, टीम इंडिया में भी आरक्षण लागू होता!
भारत में अभी तक खेलों में आरक्षण (Reservation) की व्यवस्था लागू नहीं हुई है. लेकिन, दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट टीम के टीम इंडिया (Team India) के खिलाफ शानदार प्रदर्शन के बाद से ऐसा लग रहा है कि आरक्षण लागू कर ही देना चाहिए. हालांकि, इसे लागू करने में कुछ दिक्कतें भी हैं. महिलाओं को जेंडर इक्वैलिटी और 33 फीसदी आरक्षण से इतर अल्पसंख्यकों को भी टीम इंडिया में निश्चित जगह देनी पड़ेगी.
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