सियासत | बड़ा आर्टिकल

क्या आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल छोड़ देंगे I.N.D.I.A. का दामन?
दिल्ली सर्विस अमेंडमेंट बिल पर चर्चा के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस को पंडित नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल और डॉ अंबेडकर की बातों को याद दिलाकर राजनीतिक रोटियां सेंकने की कोशिश की होगी, लेकिन कांग्रेस के लिए गठबंधन की मजबूरियों में न फंसकर आम आदमी पार्टी से सावधान रहने की नसीहत के पीछे कई गूढ़ रहस्य छिपे हैं, ये कांग्रेसी भी दबी जुबान में स्वीकार करते हैं.
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टमाटर को हमेशा हल्के में लिया, अब जो है सामने वो बेवफाओं से उसका इंतकाम है!
पूर्व में ऐसे तमाम मौके आए जब देश की जनता ने टमाटर का तिरस्कार किया. सस्ते के नामपर बार बार उसे अपमान का सामना करना पड़ा. टमाटर का बदलने का न तो कोई मूड था, न इरादा. बात बस इतनी है कि जिस जिसने भी उसका प्यार भुलाया वो अब टमाटर का इंतकाम देख रहा है.
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ऐन चुनावों के वक़्त बिना साथी के कैसे जिएगा हाथी !
BSP सुप्रीमो मायावती बार-बार कह रही हैं कि उसकी पार्टी किसी भी गठबंधन में नहीं शामिल होंगी. जिस शिद्दत से भाजपा से लड़ने के लिए बड़े-बड़े विपक्षी दल एकजुटता हो रहे हैं और प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जता रहे हैं कि भाजपा से अकेले लड़ना किसी एक अकेले के बस में नहीं है.
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तो क्या संघ के सर्वे ने डाल दिए हैं पीएम मोदी के माथे पर चिंता के बल?
संघ ने अपने सर्वे में पाया है कि भाजपा के पास चुनाव जीतने के लिए इस वक्त एक ही सिंगल चेहरा है और वह हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. तय है अगर 2024 में भाजपा नरेंद्र मोदी को प्रोजेक्ट करती है तो 180 सीटें जीत सकती है. अगर ऐसा नहीं होता है तो 30-35 सीटों पर सीधा नुकसान होगा.
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