सियासत | 5-मिनट में पढ़ें
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भले ही उमेश पाल 2023 में मरा, लेकिन अतीक ने इस मौत की स्क्रिप्ट 2012 में ही लिख दी थी!
साबरमती जेल में रहने के बावजूद अतीक और उसके गुर्गों ने सरेराह उमेश पाल की हत्या की, कारण बस ये था कि अतीक उस डर और दहशत को कायम रखना चाह रहा था जो उसने लोगों के बीच बनाया था. तस्दीक 2012 में लिखा अतीक का वो पत्र कर देता है जो उसने उस समय तत्कालीन गृह सचिव को लिखा था.
सियासत | बड़ा आर्टिकल

मुजरिमों पर मेहरबानी: आनंद मोहन सिंह...एक 'हत्यारे' का 'बेचारा' हो जाना
1994 में गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी. कृष्णैया को सरेराह पीट-पीट कर मार डालने के आरोप में फांसी की सजा पाए आनंद मोहन सिंह का किस्सा दिलचस्प है. कैसे एक हत्यारे की फांसी को पहले आजीवन कारावास में बदला गया, और फिर सियासत की जलेबी बनाकर रिहा करवा दिया गया. राजनीतिक दलों के अपने-अपने 'लाड़ले' अपराधी रहे हैं. जिन पर समय-समय पर मेहरबानी होती रही है...
सिनेमा | बड़ा आर्टिकल

25 वर्षों में बाहुबली मरते गए, लेकिन उनका खास गुड्डू मुस्लिम चार चतुराई की वजह से बच निकला
गुड्डू मुस्लिम. प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की हत्या के बाद ये नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है. गुड्डू मुस्लिम को बाहुबलियों का खास बमबाज माना जाता है. श्रीप्रकाश शुक्ला, अभय सिंह, धनंजय सिंह, उदयभान सिंह से लेकर परवेज टाडा, मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद जैसे बाहुबली माफिया तक उसके आका रह चुके हैं.
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मेन बात ये है कि 'गुड्डू मुस्लिम' हो या कोई और, अतीक जैसे अपराधी जानते हैं कि वो कैसे मरते हैं!
माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की मौत ने भले ही यूपी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाए हों. लेकिन जो सवाल लोगों के सामने है वो ये कि आखिर वो कौन सी मेन बात थी जिसमें अशरफ ने गुड्डू मुस्लिम का जिक्र किया था और जिसे वो बताना चाह रहा था. कहीं ऐसा तो नहीं कि खुद अतीक ने उस मेन बात का खुलासा बरसों पहले ही कर दिया था.
सियासत | 7-मिनट में पढ़ें

गुलाम मोहम्मद की मां ने जो कहा, वो 'अपराधियों' की पैरवी करने वालों को सुनना चाहिए!
एनकाउंटर में मारे गए उमेश पाल के हत्यारे गुलाम मोहम्मद का शव लेने से उसकी मां और भाई ने इनकार कर दिया है. जबकि अतीक का परिवार और उसके हिमायती असद को 'शहीद' बनाने पर तुले हैं. दोनों ओर के लोगों में फर्क है संस्कारों का...
सियासत | 5-मिनट में पढ़ें

असद एनकाउंटर: अन्य सूबों को भी लॉ एंड आर्डर के मामले में यूपी सीएम से प्रेरणा ले ही लेनी चाहिए!
यदि बाकी के सूबे असद एनकाउंटर प्रभावित हो जाते हैं तो इससे होगा ये कि अपराधियों के बीच एक सख्त सन्देश जाएगा और यक़ीनन इससे कानून व्यवस्था सुधरेगी। बाकी अब जबकि यूपी एसटीएफ ने असद अहमद को एनकाउंटर में ढेर कर दिया है. इतना तो साफ़ हो गया है कि जुर्म की जड़ें कितनी भी गहरी क्यों न हों, लेकिन एक न एक दिन उसका किला गिरता जरूर है.
ह्यूमर | 5-मिनट में पढ़ें
