समाज | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें

कुछ बहुएं घरवालों के हिसाब से ये गलती करती हैं और उनकी नजरों में बुरी बन जाती हैं
बहू को पता है कि अगर वह घर नहीं संभाल पाई तो उसे ही दोष दिया जाएगा. उसी की गलती निकाली जाएगी. इसलिए वह घरवालों का ख्याल रखने में दिन रात एक कर देती है. वह सबके हां में हां मिलाती है. घर का पूरा का काम करती है. यहां तक की घरवालों के हिसाब से अपना पहनावा, खान-पान, रहन-सहन सब बदल देती है. कुछ घरवाले बहू के इतना करने के बाद भी खुश नहीं रहते हैं.
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समाज | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 5-मिनट में पढ़ें

गृहिणी बनना भी अपनी च्वाइस होती है, जानिए ट्रैड वाइफ पर क्यों छिड़ी है बहस?
हमारे समाज में घर संभालना छोटी बात क्यों मानी जाती है? क्या आपने कभी हाउसवाइफ का इसलिए सम्मान होते देखा है, क्योंकि उसने घर को बड़े ही करीने से संभाला है. लोगों को यह क्यों समझ नहीं आता कि जरूरी नहीं है कि हर महिला को बाहर काम करना ही पसंद हो. घर को मैनेज करना किसी कंपनी को मैनेज करने से आसान काम थोड़ी है.
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होली के त्योहार पर आम घरों की महिलाओं का रूटीन क्या होता है?
एक त्योहार ही तो वह मौका होता है जब सभी घरवाले एक जगह होते हैं. उसमें भी बाहर से सामान मंगा लेंगे तो फिर बात ही क्या रह जाएगी? उन्हें तो मां के हाथ का ही सबकुछ बना अच्छा लगता है. इसलिए कमर दर्द लिए मां रसोई से छत और बाजार के चक्कर लगाती रहती है.
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प्यारी लड़कियों तुम दुनिया के लिए खुद को ऐसे नहीं भूला सकती, तुम्हारे लौटने का इंतजार है
कॉलेज के दिनों में वो टॉपर तो नहीं थी लेकिन होनहार इतनी थी कि कुछ तो कर ही लेती, उसे प्रोफेसर बनना था लेकिन शादी होते ही जैसे उसकी दुनिया बदल सी गई है. ऐसा भी नहीं है कि उसे वहां किसी बात की दिक्कत हो या फिर कमी हो लेकिन वो अब उसे भूल सी गई है जो कभी हुआ करती थी. कभी-कभी याद आती है उसे खुद की...
समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें
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