स्पोर्ट्स | 3-मिनट में पढ़ें
मेजर ध्यानचंद खेलरत्न पुरस्कार सम्मान के लिए तो ठीक है, जादू सुविधा से ही होगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खिलाड़ियों के जीवन, जीवन की मूलभूत सुविधाएं और उनके प्रशिक्षण पर ज़्यादा ध्यान देने की ज़रूरत है. ऐसा भविष्य में न हो कि कोई मीरा बाई चानू लकड़ियों को गट्ठर ढो-ढो कर वेट-लिफ़्टिंग की प्रैक्टिस करें. कोई हॉकी का खिलाड़ी साइकिल की दुकान में काम करके दो वक़्त की रोटी जुटा पाए तो कोई एथलीट भर पेट खाना खाए बिना सो जाए.
सियासत | 5-मिनट में पढ़ें
क्रिकेट कितना ही नाम कमा ले, असली दिल तो हॉकी ही है
ओलंपिक्स में भारत के राष्ट्रीय खेल हॉकी का स्वर्णिम इतिहास खिलाड़ियों को इस खेल में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए प्रेरित करता रहा. और, आखिरकार 41 साल बाद वो मौका आ गया जब भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने ब्रॉन्ज मेडल के साथ पोडियम फिनिश किया. इस जीत के साथ भारत में फिर से जश्न का माहौल बन गया है. 41 वर्षों के सूखे के बाद टीम इंडिया ने इतिहास रच दिया है.
स्पोर्ट्स | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें
ओलंपिक में मेडल जीतना जरूरी है क्योंकि चौथे नंबर वाले को कोई याद नहीं रखता
अगर आज भारतीय हॉकी टीम हार जाती तो लोगों के दिल टूट जाते. हम भारत के लोग बहुत इमोशनल होते हैं. हम भले ही खेल और ओलंपिक मेडल के बारे में ज्यादा ना जानें, हमारे लिए तो बस इतना ही काफी होता है कि कहीं विदेश में हमारे खिलाड़ी अपने देश का मान बढ़ाने के लिए जी जान लगाकर खेल रहे हैं.
सियासत | एक अलग नज़रिया | 6-मिनट में पढ़ें
नवीन पटनायक: एक रहस्यमी राजनेता जो हॉकी प्रेमियों के सेंटा क्लॉज बन गए!
नवीन पटनायक कराब 21 साल से ओडिशा के मुख्यमंत्री हैं. प्रचार से दूर. लगभग अदृश्य. देश भर की राजनीति में जो उठा-पटक और सिर फुटव्वल चलती है उनमें उनका कहीं नाम नहीं आता है. हां, अभी अचानक उनका नाम तब सामने आया, जब पता चला कि उन्होंंने पुरुष और महिला हॉकी टीम को तब स्पांसर किया, जब उनका साथ कोई नहीं दे रहा था.
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