सियासत | बड़ा आर्टिकल
बाबा साहेब के व्यक्तित्व में दिखता है बचपन में मिले धार्मिक संस्कारों का प्रभाव
बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का बचपन अत्यंत संस्कारी एवं धार्मिक वातावरण में बीता. उनके परिवार के तीन सदस्यों ने संन्यास आश्रम को चुना.पिताजी ने कालान्तर में कबीरपंथ की दीक्षा ली. उनके घर में रामायण, पाण्डव प्रताप, ज्ञानेश्वरी एवं संत साहित्य का नित्य पाठ होता था.
सिनेमा | 4-मिनट में पढ़ें
सिनेमा में गैरहाजिर 'सरदार', 'लौहपुरुष' की उपेक्षा करने वाला बॉलीवुड उनका एहसान न भूले!
लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती आज पूरे देश में मनाई जा रही है. इस दिन को भारत में राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाया जाता है. स्वतंत्रता आंदोलन और आजादी के बाद भारत निर्माण में सरदार का बहुत बड़ा योगदान है. सके बावजूद बॉलीवुड में उनके जीवन पर गिनी चुनी फिल्में बनी हैं. जबकि सरदार का हिंदी फिल्म इंडस्ट्री पर बहुत बड़ा एहसान है.
सियासत | बड़ा आर्टिकल
सियासत | 7-मिनट में पढ़ें
विनायक दामोदर सावरकर: स्वतंत्रता सेनानी से लेकर हिंदुत्व के प्रखर प्रवक्ता तक!
आज के सूचना विस्फोट के युग में यह प्रवृत्ति निरंतर घातक बनती जा रही है जब सोशल मीडिया पर बिना किसी प्रामाणिक स्रोत के कुछ भी लिखकर उसे एक बड़े जनसमूह तक सर्कुलेट करना आसान है. वीर सावरकर के बारे में जो कुछ भी लिखा या पढ़ा जा रहा है उसने उनकी एक ऐसी मिश्रित छवि गढ़ दी है जो नई पीढ़ी को सच को जानने और समझने की दृष्टि देने के बजाय और दिग्भ्रमित ही कर रही है.
सियासत | बड़ा आर्टिकल
बाबा साहेब के व्यक्तित्व में दिखता है बचपन में मिले धार्मिक संस्कारों का प्रभाव
बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का बचपन अत्यंत संस्कारी एवं धार्मिक वातावरण में बीता. उनके परिवार के तीन सदस्यों ने संन्यास आश्रम को चुना.पिताजी ने कालान्तर में कबीरपंथ की दीक्षा ली. उनके घर में रामायण, पाण्डव प्रताप, ज्ञानेश्वरी एवं संत साहित्य का नित्य पाठ होता था.
सिनेमा | 4-मिनट में पढ़ें
सिनेमा में गैरहाजिर 'सरदार', 'लौहपुरुष' की उपेक्षा करने वाला बॉलीवुड उनका एहसान न भूले!
लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती आज पूरे देश में मनाई जा रही है. इस दिन को भारत में राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाया जाता है. स्वतंत्रता आंदोलन और आजादी के बाद भारत निर्माण में सरदार का बहुत बड़ा योगदान है. सके बावजूद बॉलीवुड में उनके जीवन पर गिनी चुनी फिल्में बनी हैं. जबकि सरदार का हिंदी फिल्म इंडस्ट्री पर बहुत बड़ा एहसान है.
सियासत | बड़ा आर्टिकल
सियासत | 7-मिनट में पढ़ें



