समाज | 4-मिनट में पढ़ें
एम्बर हर्ड हारी हैं, कथित फेमिनिस्ट जॉनी डेप को कोसकर बाकी महिलाओं का केस बिगाड़ रही हैं
फैसले के बाद भले ही एम्बर हर्ड विक्टिम कार्ड खेल रही हों, लेकिन उन्हें इस बात को समझना होगा कि लड़ाई उनकी अपनी थी. इसका फेमिनिज्म से कोई लेना देना नहीं है. वहीं भारत के सो कॉल्ड फेमिनिस्ट जो कोर्ट के फैसले पर भावुक हो रहे हैं सबसे पहले तो उन्हें मामला समझना चाहिए.
समाज | 3-मिनट में पढ़ें
Johnny Depp-Amber Heard case में भारतीय फेमिनिस्टों का बचपना देखते ही बनता है!
भारत जैसे देश में तरह तरह की फेमिनिस्ट हैं इसलिए हमें इस बात को समझना होगा कि पुरुषों से अपनी नफ़रत साधने के लिए फेमिनिज्म को हथियार बनाना मूर्खता है. यही मूर्खता हमें जॉनी डेप और एम्बर हर्ड प्रकरण में भारतीय फेमिनिस्टों से देखने को मिल रही है.
समाज | एक अलग नज़रिया | 7-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें
मीराबाई चानू को लेकर नारीवाद से लेकर नस्लवाद तक डिबेट
जंगलों में लकड़ी बीनने से लेकर मीराबाई चानू के नेमप्लेट वाली यह तस्वीर दिल जीत लेती है...आपने कितने घरों में बेटियों के नाम की नेमप्लेट देखी है. इस दीवार पर लगी नेमप्लेट कोई आम नेमप्लेट नहीं है बल्कि ये दास्तान है उन संघर्षों और चुनौतियों के पहाड़ की जिनको तोड़ कर देश की एक बेटी ने चांदी में बदल दिया.
समाज | 7-मिनट में पढ़ें
'सच कहूं तो' में सच क्यों नहीं बोल पाईं नीना गुप्ता?
लंबे इंतजार के बाद एक्टर नीना गुप्ता की आत्मकथा ‘सच कहूं तो’ रिलीज़ हुई और उनके प्रशंसकों ने हाथों हाथ लिया. इस किताब के साथ ही नीना गुप्ता का एक बयान सामने आया, जो न केवल गहरे तक चुभने वाला है बल्कि निराश भी करता है. इस बयान में नीना ने शादी पर बात की है और किसी साधारण घरेलू महिला की तरह तर्क पेश किये हैं.
समाज | 6-मिनट में पढ़ें
समाज | 4-मिनट में पढ़ें
समाज | 2-मिनट में पढ़ें
Amrita Pritam को सिर्फ साहिर की दीवानी समझने वाले बहुत कुछ मिस करते हैं
अमृता प्रीतम (Amrita Pritam) सिर्फ साहिर (Sahir) या इमरोज (Imroz) की प्रेमिका नहीं थीं. जन्मदिन पर उनके बारे में ज्ञान बघारने वाले लोग यदि उनके बारे में पढ़ें तो मिलेगा कि अमृता ऐसा बहुत कुछ करके चली गयीं हैं जो हिंदी (Hindi) और पंजाबी (Punjabi) साहित्य में नजीर से कम नहीं है.
समाज | 5-मिनट में पढ़ें





