सियासत | 4-मिनट में पढ़ें
भले ही उमेश पाल 2023 में मरा, लेकिन अतीक ने इस मौत की स्क्रिप्ट 2012 में ही लिख दी थी!
साबरमती जेल में रहने के बावजूद अतीक और उसके गुर्गों ने सरेराह उमेश पाल की हत्या की, कारण बस ये था कि अतीक उस डर और दहशत को कायम रखना चाह रहा था जो उसने लोगों के बीच बनाया था. तस्दीक 2012 में लिखा अतीक का वो पत्र कर देता है जो उसने उस समय तत्कालीन गृह सचिव को लिखा था.
सियासत | 7-मिनट में पढ़ें
गुलाम मोहम्मद की मां ने जो कहा, वो 'अपराधियों' की पैरवी करने वालों को सुनना चाहिए!
एनकाउंटर में मारे गए उमेश पाल के हत्यारे गुलाम मोहम्मद का शव लेने से उसकी मां और भाई ने इनकार कर दिया है. जबकि अतीक का परिवार और उसके हिमायती असद को 'शहीद' बनाने पर तुले हैं. दोनों ओर के लोगों में फर्क है संस्कारों का...
सियासत | बड़ा आर्टिकल
क्या अब 'एक था अतीक' लिखने का समय आ चुका है? सीएम योगी ने संदेश तो कुछ ऐसा ही दिया है!
योगी ने कहा मिट्टी में मिला देंगे, अतीक ने जवाब दिया मिट्टी में मिल चुके हैं और फिर योगी की पुलिस ने मिट्टी में मिला दिया. एक एनकाउंटर ने बहुत सारे सवाल छोड़ दिए हैं. क्या होगा इस एनकाउंटर का सियासी समीकरण. सपा मुस्लिम वर्ग को कैसे रिझाएगी. बसपा क्या अतीक की पत्नी को पार्टी से बाहर निकाल फेकेगी. अतीक ब्रांड का क्या होगा और क्या होगा माफिया का भविष्य?
सियासत | 5-मिनट में पढ़ें
असद एनकाउंटर: अन्य सूबों को भी लॉ एंड आर्डर के मामले में यूपी सीएम से प्रेरणा ले ही लेनी चाहिए!
यदि बाकी के सूबे असद एनकाउंटर प्रभावित हो जाते हैं तो इससे होगा ये कि अपराधियों के बीच एक सख्त सन्देश जाएगा और यक़ीनन इससे कानून व्यवस्था सुधरेगी। बाकी अब जबकि यूपी एसटीएफ ने असद अहमद को एनकाउंटर में ढेर कर दिया है. इतना तो साफ़ हो गया है कि जुर्म की जड़ें कितनी भी गहरी क्यों न हों, लेकिन एक न एक दिन उसका किला गिरता जरूर है.
सियासत | 5-मिनट में पढ़ें
चाहे सुफियान का हो या प्रिंस का एनकाउंटर, योगी आदित्यनाथ ने बता दिया अपराधी सिर्फ अपराधी है!
लखनऊ में गर्लफ्रेंड की धक्का देकर हत्या करने वाले सुफियान के एनकाउंटर पर आहत और 'मुस्लिमों के नाम पर सीएम योगी को कोसते लोग आजमगढ़ हो लें और प्रिंस यादव से मिल लें. यूपी में अपराधियों के तहत सरकार हिंदू मुस्लिम नहीं कर रही. संदेश साफ़ है कि अपराधी सिर्फ अपराधी है.
सियासत | 3-मिनट में पढ़ें
सियासत | बड़ा आर्टिकल
योगी को मालूम हो कि पुलिस की ज्यादा पीठ ठोकना भी अच्छा नहीं होता!
मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालते ही गोरखपुर अस्पताल में बच्चों की मौत की ही तरह चुनाव के ऐन पहले मनीष गुप्ता (Manish Gupta Case) का केस योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के लिए बड़ा सिरदर्द बन सकता है - अगर वो यूपी पुलिस (UP Police) को काबू में नहीं रख पाये.
समाज | 4-मिनट में पढ़ें
Saidabad Rape Case: रेप, आरोपी के एनकाउंटर की धमकी, और आरोपी की आत्महत्या!
Saidabad rape case के आरोपी राजू की मौत के बाद पुलिस ने एक बयान दिया है और कहा है कि जब पुलिस उसका पीछा कर रही थी तो आरोपी कथित तौर पर एक ट्रेन के सामने कूद गया. भले ही अधिकारियों की तरह से राजू की मौत को ‘आत्महत्या’ का मामला बता दिया गया हो मगर तमाम सवाल हैं जो इस मौत के बाद खड़े हो रहे हैं.
सियासत | 5-मिनट में पढ़ें




