सियासत | 6-मिनट में पढ़ें

कौन है 'डर्टी हैरी' जिसने इमरान की खुशरंग ज़िन्दगी को बदरंग कर कहीं का नहीं छोड़ा
पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद वो एक नाम जो सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोर रहा है वो 'डर्टी हैरी' है. जैसा रुख इमरान के प्रति डर्टी हैरी का रहा लाजमी था कि ये व्यक्ति पीटीआई समर्थकों के अलावा इमरान खान की आंख में किसी कांटें की तरह चुभेगा.
सियासत | 6-मिनट में पढ़ें

राहुल के समर्थन में उतरी कांग्रेस के साथ साथ आप भी जानें विरोध का रंग काला क्यों है?
अडानी मामले को लेकर जेपीसी की मांग और राहुल गांधी की अयोग्यता के विरोध में काला कपड़ा पहनकर संसद पहुंचे खड़गे और संपूर्ण विपक्ष ने तो अपनी बातें कह दीं आइये कांग्रेस और राहुल गांधी की पृष्ठभूमि में समझें कि विरोध प्रदर्शनों में काले रंग की भूमिका और प्रासंगिकता क्या है?
सियासत | बड़ा आर्टिकल

पीओके के लोगों की चाहत, ‘आर पार जोड़ दो, कारगिल को खोल दो’
पाक अधिकृत कश्मीर गिलगित बाल्टिस्तान में इन दिनों वहां के लोग पाकिस्तान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते देखे जा रहे हैं. वहां के हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर हैं और जुलूस निकाल रहे हैं. पीओके के लोगों की मांग उन्हें भारत के लद्दाख क्षेत्र में मिला देने की है. इस मांग के तेज होते ही पाकिस्तान सरकार की नींद उड़ी है.
सियासत | 6-मिनट में पढ़ें

कौन हैं ब्रजभूषण शरण सिंह, जिन्हें कुश्ती के बवाल में चित करना नामुमकिन है...
मेन स्ट्रीम मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक ब्रज भूषण सिंह का नाम सुर्ख़ियों में है. तो आइये जानें कि आखिर ब्रज भूषण शरण सिंह कौन हैं? और आखिर कैसे वो देश के लिए अलग अलग प्रतिस्पर्धाओं में मेडल ला चुके अलग अलग खिलाड़ियों को चित करते हुए नजर आ रहे हैं.
सियासत | 4-मिनट में पढ़ें
स्पोर्ट्स | 6-मिनट में पढ़ें

कुश्ती फेडरेशन की बदली पॉलिसी जो लंबे समय से हरियाणा के पहलवानों को चुभ रही थी!
कुश्ती फेडरेशन (WFI) के अध्यक्ष ब्रज भूषण शरण सिंह खिलाड़ियों और के बीच जारी गतिरोध कोई आज का नहीं है. इस पूरे विवाद की शुरुआत नवंबर 2021 में उस वक़्त हुई थी जब भारतीय कुश्ती महासंघ ने अपनी पॉलिसी में कुछ महत्वपूर्व बदलाव किये थे.
सियासत | 7-मिनट में पढ़ें
सियासत | 4-मिनट में पढ़ें

सम्मेद शिखर जी विवाद: समाधान कहीं बड़े खतरे की आहट तो नहीं है?
अप्रत्याशित और अनचाही टकराव की स्थिति निर्मित कर दी गई हैं. वजहें क्या है ? क़यास ही हैं. परंतु तय है फर्जी आवाजों के पीछे विशुद्ध राजनीति है ! क्या शांतिप्रिय, धर्मभीरु और फसादों से दूर रहनेवाले जैन अब भयमुक्त होकर तीर्थयात्रा कर भी पाएंगे?
सियासत | 3-मिनट में पढ़ें
