समाज | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें
![चलते-फिरते लोग हार्ट-अटैक से मर रहे हैं, कोई जांच क्यों नहीं हो रही है? चलते-फिरते लोग हार्ट-अटैक से मर रहे हैं, कोई जांच क्यों नहीं हो रही है?](https://akm-img-a-in.tosshub.com/sites/ichowk/story/small/202212/1_311_120522084750.jpg?size=200:200)
चलते-फिरते लोग हार्ट-अटैक से मर रहे हैं, कोई जांच क्यों नहीं हो रही है?
कम उम्र के लोगों को जिस तरह हार्ट अटैक आ रहा है, उससे लोग डरे हुए हैं. कई लोग कह रहे हैं कि ऐसा कोरोना काल के बाद से ही हो रहा है. ऐसा ना हो कि आने वाले समय में यह एक महामारी का रूप ले ले. आखिर हार्ट अटैक से होने वाली मौतों पर रिसर्च क्यों नहीं की जा रही है? क्या इसकी जांच नहीं होनी चाहिए?
समाज | एक अलग नज़रिया | 2-मिनट में पढ़ें
![जब देश कोरोना से जूझ रहा था तब महाराष्ट्र में कुछ लोग कन्या भ्रूण के पीछे पड़ गए! जब देश कोरोना से जूझ रहा था तब महाराष्ट्र में कुछ लोग कन्या भ्रूण के पीछे पड़ गए!](https://akm-img-a-in.tosshub.com/sites/ichowk/story/small/202209/311_092322073759.jpg?size=200:200)
जब देश कोरोना से जूझ रहा था तब महाराष्ट्र में कुछ लोग कन्या भ्रूण के पीछे पड़ गए!
बेटे की भूख में लोग कन्या भ्रूण की जान के प्यासे रहे हैं. कोरोना महामारी के दौरान महाराष्ट्र में सरकार निगरानी से क्या चूकी, प्रसव पूर्व जमकर गर्भस्थ शिशु के लिंग की जांच हुई, और कन्या भ्रूण होने पर उसका काम तमाम किया गया. नतीजा ये हुआ कि 2021 में महाराष्ट्र में 1000 लड़कों पर लड़कियों का अनुपात 906 तक पहुंच गया.
समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें