समाज | एक अलग नज़रिया | 6-मिनट में पढ़ें

अनुपमा सीरियल अब बंद हो जाना चाहिए, क्या यह शो पुरुष विरोधी है?
अनुपमा (Anupama) शो में सारी महिलाएं रोती रहती हैं, अनुपमा की कहानी भी दोबारा उसी मोड़ पर आकर पहुंच गई है जहां से उसने आगे बढ़ने की शुरुआत की थी...अनुज भी अनुपमा पर चिल्ला रहा है, उसे दोष दे रहा है. उससे बात नहीं कर रहा है, उसे ताने मार रहा है. इस शो को देखकर लगता है कि दुनिया का हर पति अत्याचारी और पत्नी बेचारी होती है.
समाज | एक अलग नज़रिया | 5-मिनट में पढ़ें

अनुपमा तलाक के बाद दूसरी शादी करके फंस गई, यहां भी वही जिम्मेदारी वही ताने
अनुपमा, पहली शादी में भी सूरी-सूरी करती थी. अब वह दूसरी शादी में भी सूरी-सूरी कहती रहती है. सॉरी टू से...मगर अनुपमा आज भी वही कर रही है जो 25 सालों तक किया. दर्शकों ने सोचा था कि अनुपमा को तलाक के बाद आगे बढ़ते हुए दिखाया जाएगा मगर यहां तो पति-पत्नी के रूठने मनाने से ही फुर्सत नहीं है.
समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 5-मिनट में पढ़ें
सिनेमा | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें
सिनेमा | एक अलग नज़रिया | 6-मिनट में पढ़ें

आखिरकार अनुपमा-अनुज की शादी हो गई, सच्चा हो दिल तो झुकता नसीबा पांव में
अनुपमा सालों में पहली बार इतनी खुश दिख रही है. उसके चेहरे पर जिंदगी में आगे बढ़ने की चहक है. यह मौका दुनिया की हर महिला को नहीं मिलता लेकिन मिलना चाहिए. अब अगर वनराज जैसे इंसान हैं, तो अनुज जैसे पुरुष भी हैं जो महिलाओं की खुशियों से जलते नहीं है.
समाज | एक अलग नज़रिया | 5-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 5-मिनट में पढ़ें
