सिनेमा | 5-मिनट में पढ़ें

Taj Divided By Blood Review: जानिए नसीरुद्दीन शाह की नई वेब सीरीज कैसी है?
Taj Divided By Blood Web series Review in Hindi: नसीरुद्दीन शाह, अदिति राव हैदरी और आशिम गुलाटी स्टारर वेब सीरीज 'ताज डिवाइडेड बाय ब्लड' ओटीटी प्लेटफॉर्म Zee5 पर स्ट्रीम हो चुकी है. मुगल साम्राज्य के विस्तार पर बनी इस सीरीज में प्यार, वासना, नशा, राजनीति, कूटनीति, धोखा सहित हर रंग देखने को मिलता है.
सिनेमा | 7-मिनट में पढ़ें

खिलजी तक को नायक बनाने पर आमादा बॉलीवुड भूमिपुत्र 'चोलों' से नफरत क्यों करता है?
इतिहास और फिल्मों के जरिए मुगलों की महानता की छवि गढ़ी गई. इसके लिए भारतवंशी नायकों की कहानियों को नजरअंदाज किया गया और उसके सामने सल्तनतों/बादशाहों के जनकल्याणकारी छवि का ऐसा शोर मचाया गया कि हम पत्थरों पर लिखे हजारों साल पुराने इतिहास को देखकर भी यकीन नहीं कर पाते.
सियासत | बड़ा आर्टिकल
संस्कृति | बड़ा आर्टिकल

...तो आज की तारीख में फारसी भारत की राष्ट्रभाषा होती, संस्कृति के नाम पर रोना बंद करें!
अकबर ने इस्लामिक सांस्कृतिक उपनिवेश बनाने के लिए फारसी को रातोंरात जबरदस्ती थोपने की कोशिश की थी. फारसी ने नाजायज हिंदुस्तानी को बनाया. हिंदुस्तानी को वापस फारसी पर लाने की कोशिशों में उर्दू हुई. 500 साल की कोशिशों के बावजूद जब भारत फारसीमय या उर्दूमय नहीं हो पाया तो आज की तारीख में अंग्रेजी का भय दिखाना बेकार है.
समाज | बड़ा आर्टिकल

राखी के लिए राजपूत बहन को बचाने दौड़ पड़े हुमायूं के वंश में औरंगजेब कैसे पैदा होते गए?
भारत के मध्यकालीन इतिहास का दुर्भाग्य है कि वहां बर्बर, आततायी विदेशी हमलावरों को संत बनाने के लिए बेसिर पैर के तथ्य गढ़े गए हैं. उसमें भी हुमायूं की राखी वाली कहानी सबसे बेजोड़ है. समझ में नहीं आता कि महान हुमायूं और अकबर के वंश में पीढ़ी दर पीढ़ी औरंगजेबों का जन्म कैसे होता रहा.
सोशल मीडिया | 6-मिनट में पढ़ें
सिनेमा | 4-मिनट में पढ़ें

The Empire: बाबर पर शो आ रहा है और हल्ला भी नहीं मचा!
द एम्पायर में भव्यता, एक्शन और ग्लैमर दिख रहा है. लोकेशन, कैमरा और सेट डिजाइन वाकई बहुत प्रभावशाली है. सफाई के साथ तकनीकी इस्तेमाल भी खूब हुआ है. साफ़ पता चलता है कि अच्छा बजट लगा है. दिलचस्पी इतिहास में हो ना हो, द एम्पायर के पहले सीजन में लोगों को तमाम रिफ्रेंस जानने उन्हें ताजा करने का मौका जरूर मिलेगा.
ह्यूमर | 6-मिनट में पढ़ें

जो भी हो! आम भारतीयों के लिए कीचड़ में पड़ी प्लास्टिक की पन्नी जैसे हैं मुग़ल...
मुगलों की हालत देश में धोभी के कुत्ते सरीखी हो चुकी है इसलिए चाहे स्वर्ग में हो या फिर नरक में, बाबर (Babar) विचलित है. मीटिंग बुलाकर अपने बेटों से लेकर पोतों तक से यही कह रहा है अपने जल संरक्षण की किसी को परवाह नहीं हम बुरे हैं तो हैं. इतनी बातों तो मुझे खुद अपने बारे में नहीं पता थीं जितनी प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) को हैं.
सियासत | 6-मिनट में पढ़ें