समाज | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें
पुरुषों के कपड़े धोने और सुखाने की जिम्मेदारी पत्नियों की क्यों?
वॉशरूम में जाते ही कई पुरुष चिल्लाना शुरु कर देते हैं कि मेरा तौलिया कहां है? नहा कर आने के बाद मेरा अंडरवियर कहां है? मेरा शर्ट प्रेस है कि नहीं? मेरे मोजे नहीं मिल रहे. अरे यार मैं पर्स तो भूल ही गया. मेरी टाई देखी है क्या? मेरा टिफिन टेबल पर नहीं है. तुम्हें समझ में नहीं आता कि मैं ऑफिस के लिए लेट हो रहा हूं. पता नहीं ध्यान कहां रहता है तुम्हारा?
समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 5-मिनट में पढ़ें
पतियों के अंडरवियर धोना पत्नियों का 'फर्ज' कैसे हो गया?
उन पतियों के बारे में आपकी क्या राय है जो अपने अंडरवियर नहाने के बाद बाथरूम में जस का तस छोड़ देते हैं. उन्हें शायद ऐसा लगता है कि, इसे धोना पत्नियों का परम कर्तव्य और हमें विरासत में मिला अधिकार है. अब ऐसे पतियों से हम एक कप चाय की उम्मीद भला कैसे कर सकते हैं?
समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें

