सियासत | बड़ा आर्टिकल

त्रिपुरा में विधायकों का सत्ताधारी गठबंधन छोड़ना बीजेपी के लिए अच्छा संकेत नहीं है
त्रिपुरा में बिप्लब देब (Biplab Deb) को हटाकर बीजेपी ने माणिक साहा (Manik Saha) को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठा तो दिया, लेकिन विधायकों को रोक नहीं पा रही है - चुनाव (Tripura Election 2023) के ऐन पहले बीजेपी विधायक का इस्तीफा देकर कांग्रेस में चले जाना तो और भी खतरनाक बात है.
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बीजेपी से जरा भी चूक हुई तो विपक्ष के बचे खुचे उपाय 2024 में मुसीबत बन सकते हैं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के लिए 2024 (General Election 2024) का रास्ता सीधा, सपाट और बिलकुल साफ सुथरा नजर आ रहा है. अगर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को छोड़ कर भी देखें तो विपक्ष के पास ऐसी कुछ चीजें हैं जो बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती हैं.
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BCCI के बहाने बीजेपी को घेर कर टीएमसी गांगुली पर दबाव तो नहीं बना रही है?
सौरव गांगुली (Saurav Ganguly) को दोबारा अध्यक्ष नहीं बनाया जाएगा, ये तय तो हुआ BCCI की मीटिंग में, लेकिन तृणमूल कांग्रेस (TMC) का इल्जाम है कि सब भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने फाइनल किया है - जबकि महीने भर पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने रास्ता साफ कर दिया था.
समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें
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ममता बनर्जी RSS को कैरेक्टर सर्टिफिकेट क्यों दे रही हैं?
ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के मुंह से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तारीफ सुनने के बाद विपक्षी दलों के नेताओं (Opposition Leaders) ने घेर लिया है. संघ ने भी थैंक यू बोलने के बजाय आईना ही दिखाया है - टीएमसी नेता का ये बयान आखिर क्या इशारा करता है?
सियासत | 4-मिनट में पढ़ें

अनुब्रत मंडल की गिरफ्तारी से ज्यादा रोचक है मवेशी तस्करी की दास्तान
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की सहयोगी और टीएमसी के बीरभूम जिलाध्यक्ष अनुब्रत मंडल को सीबीआई ने 2020 के पशु तस्करी मामले में गिरफ्तार किया है. मंडल की गिरफ्तारी ने ये साफ़ कर दिया है कि, जैसे जैसे इस मामले की जांच आगे बढ़ेगी. वैसे-वैसे तमाम सफेदपोशों के चेहरे से नकाब उतरेगा और वो बेनकाब होंगे.
ह्यूमर | 6-मिनट में पढ़ें

महुआ के लुई वितां बैग 'छुपाने' से लेकर काकोली के कच्चे बैंगन खाने तक, TMC का महंगाई पर विरोधाभास!
चाहे वो महुआ मोइत्रा हों या फिर काकोली घोष दस्तीदार. एक ही पार्टी के दो सांसदों के थॉट प्रोसेस में गहरा विरोधाभास है. मतलब इससे बड़ा धोखा क्या ही होगा कि संसद में एक तरफ महंगाई पर काकोली घोष अपने ज्ञान के छींटे डाल रही हों और महुआ अपने 1.6 लाख के बैग की नुमाइश कर दें. ऐसे थोड़ी ही न गरीब और उनकी गुरबत के अलावा महंगाई पर बात हो पाएगी.
ह्यूमर | 4-मिनट में पढ़ें

ED की छापेमारी के बाद सबसे बड़ी दिक्कत तो अर्पिता के दोस्तों और रिश्तेदारों को है!
पश्चिम बंगाल के टीचर्स रिक्रूटमेंट स्कैम के बाद, जिस तरह छापेमारी हुई और जैसे अर्पिता मुखर्जी के घर नोटों का जखीरा और सोना बरामद हुआ. इस प्रकरण के बाद अगर कोई सबसे ज्यादा डरा हुआ तो वो अर्पिता के दोस्त और रिश्तेदार हैं. तमाम तरह के खतरे हैं जिनका सामना उन्हें आने वाले वक़्त में करना पड़ सकता है.
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