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Tokyo Paralympics में अवनि के गोल्ड-ब्रॉन्ज पर नहीं, जी तोड़ मेहनत-डेडिकेशन पर गौर करिये!
पहले गोल्ड फिर ब्रॉन्ज शूटर अवनि लखेरा ने टोक्यो पैरा ओलंपिक में कमाल कर दिया है और उस कहवात को चरितार्थ कर दिया है कि जब ऊपर वाला किसी को देता है तो छप्पर फाड़ के देता है. बाकी अवनि को ये सब भाग्य के भरोसे नहीं मिला है, इसके पीछे तमाम चुनौतियां और जी तोड़ मेहनत है.
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वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ पैरालिंपिक गोल्ड जीतने वाले सुमित अंतिल और नीरज चोपड़ा में फर्क क्या है?
दो वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम करके Tokyo Paralympics 2020 में जेवलिन थ्रो का गोल्ड मैडल जीतने वाले सुमित अंतिल इतिहास रच चुके हैं मगर क्या उन्हें वैसा और उतना ही सम्मान मिल रहा है जिसके वो हक़दार हैं? सवाल थोड़ा तीखा है, लेकिन पूछना बनता है कि क्या उन्हें भी उसी तरह सिर आंखों पर बैठाया गया है, जैसा नीरज चोपड़ा को?
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Tokyo Paralympics: 'गोल्डन गर्ल' अवनि लेखरा की उपलब्धि से ज्यादा प्रेरणास्पद है उनके संघर्षों की कहानी!
टोक्यो पैरालंपिक (Tokyo Paralympics 2020) खेलों की निशानेबाजी प्रतियोगिता में महिलाओं के 10 मीटर एयर राइफल के क्लास एसएच1 में गोल्ड मेडल जीतकर राजस्थान के जयपुर की रहने वाली 19 वर्षीय शूटर अवनि लेखरा ने इतिहास रच दिया है. अवनि खेलों के साथ पढ़ाई में भी अव्वल हैं. वो आगे चलकर जज बनना चाहती हैं.
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Tokyo Paralympics 2020: मीडिया जान ले भारतीय Paralympians की वीर गाथाओं का जिक्र बनता है!
क्रिकेट, फुटबॉल, टेनिस और तो और कबड्डी जैसे खेलों पर घंटों का कवरेज करने वाले टीवी चैनल और स्पोर्ट्स के पत्रकार Tokyo Paralympics 2020 में क्यों चुप हैं ? आखिर वहां भी तो उत्कृष्ट खेल का प्रदर्शन करेंगे भारतीय खिलाड़ी. उनकी भी वीर गाथाओं का जिक्र होना चाहिए. देश को हक़ है उनके बारे में जानने का.
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रियो पैरालंपिक में गोल्ड मेडल को उतना प्यार नहीं जितना ओलंपिक के रजत पदक को!
जब पी.वी. सिंधू और साक्षी मलिक अपना मुकाबला लड़ रही थी तो हर कोई पल-पल ट्वीट कर रहा था. जैसे ही मेडल की खबर आई, नेताओं ने ट्वीट की बारिश कर दी. मगर यहां मामला अलग है. देश ने गोल्ड मेडल जीता है. मगर किसी में उत्साह नहीं. न मीडिया में और न नेताओं में...क्यों
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