समाज | 6-मिनट में पढ़ें

अपने जंगलों के प्रति गंभीर होना भारत के लिए वक्त की जरूरत है
World Forest Day 2023: भारतीय जंगल संपूर्ण भारत के लिए जीने के तरीके को परिभाषित करते हैं, लेकिन दुर्भाग्य से- हाल के वर्षों में जंगलों को जो नुकसान हुआ है उसने आजीविका और अर्थव्यवस्था समेत कई चीजों को प्रभावित किया है. आइये जानें क्यों भारत को अपने जंगलों के प्रति और ज्यादा गंभीर हो जाना चाहिए.
सिनेमा | 2-मिनट में पढ़ें

झूठी कहानियों के द्वारा ठग कर आंखों को भिगो देने वाला धोखा नहीं है The Elephant Whisperers
The Elephant Whisperers डॉक्यूमेंट्री है तो डॉक्यूमेंट्री की तरह ही देखना होगा. साधारण मनोरंजन ढूंढने वाले को शायद रस न मिले. पर जब पता है डॉक्यूमेंट्री है, सत्य घटनाओं को दर्शा रही है, तब उसमें कहीं पर आंसू फूट पड़े, तो वे आंसू परम सच्चे हैं. ये झूठी कहानियों के द्वारा ठग कर आंखों को भिगो देने वाला धोखा नहीं है.
सिनेमा | 5-मिनट में पढ़ें

RRR के अलावा भारत के दो और Oscar nomination, बस चर्चा नहीं हो रही है!
साल 2023 के ऑस्कर्स में सिर्फ RRR के गाने नाटू-नाटू का जलवा नहीं है. भारत से गयी दो और फ़िल्में हैं जिनके आगे विदेशी ज्यूरी नतमस्तक हो गयी है. हम जिन दो फिल्मों की बात कर रहे हैं उनमें से एक All That Breathes डाक्यूमेंट्री फीचर केटेगरी में नॉमिनेट हुई है. जबकि दूसरी फिल्म The Elephant Whisperers को डाक्यूमेंट्री शॉर्ट केटेगरी में नॉमिनेट किया गया है.
समाज | 6-मिनट में पढ़ें

इलाहाबाद के वो 'हरियाली गुरु' जो रक्षाबंधन पर पेड़ों को रक्षासूत्र बांधते हैं !
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉक्टर एनबी सिंह, हर रक्षाबंधन पर पेड़ पौधों को रक्षासूत्र बांधते हैं और वर्ष भर उनके सुरक्षा के लिए संकल्पित रहते हैं. प्रोफेसर साहब ने अब तक एक लाख से अधिक पौधें लगाए हैं.
ह्यूमर | 2-मिनट में पढ़ें

बस अब जंगल का चीरहरण रोक देना द्रौपदी!
आदिवासी समुदाय से ताल्लुख रखने के कारण द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति बनना न केवल आदिवासी समुदाय के लिए एक बड़ी घटना है. बल्कि इसका सीधा असर पर्यावरण पर भी देखने को मिलेगा.उम्मीद है कि, मुर्मू के देश के सर्वोच्च पद पर आने के बाद, जंगलों और पर्यावरण में बड़ा परिवर्तन देखने को मिलेगा.
ह्यूमर | बड़ा आर्टिकल

Canada heat wave: 12-15 डिग्री के आदी कनाडा वालों की हालत देख दिल्ली वाले गनीमत महसूस करें!
जैसी जानलेवा गर्मी पड़ रही है वो किसी से छुपा नहीं है. गर्मी के मद्देनजर भारत के हालत तो फिर भी ठीक हैं कनाडा और अमेरिका जैसे देशों के हाल तो और भी बुरे हैं. गर्मी चाहे जैसी भी हो मगर जिस तरह भारतीयों ने अपने को एडजस्ट किया है वो काबिल ए तारीफ है और पूरे विश्व को इससे सबक लेना चाहिए.
समाज | 5-मिनट में पढ़ें

World Environment Day: थार पर प्रकृति का मेहरबान रहना भी कुदरत का करिश्मा है!
गर्मियों के दिन ज्यों-ज्यों तपते है रेगिस्तान के पेड़-पौधे भी खिलने लगते हैं. खिलने क्या लगते हैं जीवन से भर जाते हैं. मई और जून के महीने में जिन तीन पेड़-पौधों पर रेगिस्तान आबाद रहता है वे हैं खेजड़ी, जाल और कैर. आस-पास के ये पेड़ लोगों के जीवन का हिस्सा होते हैं. इन पेड़ों के नाम या पहचान भी होती है. जिसे लोग सालों-साल याद रखते हैं.
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