सियासत | बड़ा आर्टिकल

रामचरित मानस विवाद RSS के लिए मंडल बनाम कमंडल जैसी ही चुनौती है
रामचरितमानस विवाद (Ramcharitmanas Controversy) पर शुरू हुई राजनीति अभी तो नहीं थमने वाली है. ये विवाद यूपी-बिहार की जातीय राजनीति (Caste Politics) को भरपूर ईंधन मुहैया करा रहा है - बाकी सब तो फायदे में हैं, लेकिन नुकसान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को हो रहा है.
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राहुल गांधी बीजेपी को नहीं हटा सकते तो अखिलेश यादव की नजर में कोई और है क्या?
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को यकीन तो अब भी नहीं हो रहा है कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) 2024 में बीजेपी (BJP) को चैलेंज कर पाने की स्थिति में होंगे - क्या विपक्ष के ज्यादातर नेताओं के भारत जोड़ो यात्रा से दूर रहने सबसे बड़ी वजह यही है?
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मैनपुरी की खुशी के आगे अखिलेश यादव को रामपुर का गम कितना कम होगा?
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को सबसे ज्यादा खुशी तो मैनपुरी उपचुनाव (Mainpuri Bypoll) के नतीजे से ही मिली होगी. खतौली में गठबंधन की जीत ने भी काफी राहत दी होगी, लेकिन रामपुर की हार का भी दुख है क्या? क्योंकि वहां तो आजम खान (Azam Khan) की हार हुई है!
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अखिलेश यादव ने चंद्रशेखर आजाद को ही मायावती का विकल्प मान ही लिया
मायावती (Mayawati) के हाथ खींच लेने के बाद भी अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) यूपी विधानसभा चुनाव में चंद्रशेखर आजाद (Chandrashekhar Azad) के दबाव में नहीं आये, लेकिन अब दोनों के तेवर नरम पड़ चुके हैं - और सपा नेतृत्व ने भीम आर्मी को बीएसपी का विकल्प मान लिया है.
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शिवपाल यादव क्या डिंपल और परिवार के लिए हर कुर्बानी देने को तैयार हैं?
शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) के हाथ से सत्ता अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से काफी पहले ही चली गयी थी, लेकिन 2022 के यूपी चुनाव से पहले और उसके कुछ दिन बाद तक पावर के मजे वो परोक्ष रूप से लेते रहे - लेकिन डिंपल यादव (Dimple Yadav) के लिए अब कीमत चुकानी पड़ी है.
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अखिलेश यादव इस बार डिंपल के साथ मिल कर शिवपाल के साथ खेल खेल रहे हैं
शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) को किनारे लगाने के काफी बाद यूपी चुनाव से ऐन पहले अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने अपने पाले में मिला लिया. अब डिंपल यादव (Dimple Yadav) को केंद्र में रख कर वैसी ही राजनीति हो रही है - क्या चाचा-भतीजा फिर वैसा ही करने वाले हैं?
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