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बनारस के पान - आम की तरह G I Tag पर हक़ कानपुर के गुटखे और मैनपुरी की तंबाकू का भी है!
बनारसी पान और बनारसी लंगड़े आम को जीआई क्लब में एंट्री मिली है जिससे पूरे बनारस में लोगों के बीच ख़ुशी की लहार है और उनका उत्साह देखने वाला है. अब बस कानपुर का गुटखा, मैनपुरी की तंबाकू और कन्नौज का इत्र इस लिस्ट में जगह बना ले तो बाकी के बचे कुचे प्रोडक्ट्स का रास्ता आसान हो जाए.
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आम फलों का राजा हो न हो, आमों का राजा तो मालदह है!
गर्मियां शुरू होते होते फलों का राजा आम बाजार में दस्तक देने लगता है. यूं तो तरह तरह के नाम हैं मगर जब बात मिठास की आती है तो मालदह की किसी से कोई टक्कर नहीं है. कह सकते हैं जो मालदह का नहीं हुआ वो किसी का नहीं हो सकता. इसकी खासियत ये है कि मालदह चमकीला लाल-पीला रंग धारण कर भ्रम भी नहीं फैलाता.
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कितना दुर्भाग्यपूर्ण है आम के मीठेपन को भी कोरोना लील गया है!
इन दिनों कुछ खबरें ऐसी भी आई हैं जिनके अनुसार कई लोग आम के मीठेपन को मोटापा और शुगर बढ़ने के डर से खा नहीं रहे या बहुत कम खा रहे हैं. खबरों के अनुसार कोरोना के कारण लोगों में यह भ्रांति बन गई है कि आम खाने और मोटे हो जाने से उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होगी और उन्हें कोरोना होने के खतरा बढ़ जाएगा.
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