समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें
गांव की उस औरत की कहानी जो पति के परदेश जाने के बाद घर में अकेली रहती है
जब शादी करके आई थी तो भरा-पूरा परिवार था. फिर धीरे-धीरे सब शहरों की ओर रूख कर गए. पति को पैसे कमाने थे तो वह मना भी कैसे करती? कुछ साल बाद सास और फिर ससुर जी भी गुजर गए. बच्चे पढ़ाई करने शहर चले गए. हां घरवालों ने उसे एक सादा फोन जरूर दे दिया था जिस पर घंटी आ सकती है. किसी ने उसे फोन रिसीव करना तो सिखा दिया लेकिन फोन मिलाना उसे अभी भी नहीं आता, वह अनपढ़ जो है.
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गुडफेलोज सीनियर सिटीजन स्कीम, बुजुर्गों के लिए नहीं युवाओं के लिए है!
गुडफेलोज सीनियर सिटीजन स्कीम का फायदा वही बुजुर्ग उठा सकते हैं जो अमीर हैं. जिनके पास पैसा है. जिन्हें पेंशन के रूप में मोटी रकम मिलती है. वरना जो बुजुर्ग गरीब हैं, जिनके बच्चे उन्हें अकेला छोड़ गए हैं, उन्हें तो पूछने वाला भी कोई नहीं है. उन्हें तो वृद्धाआश्रम की ही शरण लेनी पड़ेगी.
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