सियासत | 4-मिनट में पढ़ें
लखनऊ में नमाजियों को दिया गया पुलिसिया गुलाब कौन सी खुशबू लेकर आया है?
यूपी की लखनऊ पुलिस ने गांधीगिरी का परिचय देते हुए टीले वाली मस्जिद पर शुक्रवार को नमाज अदा करने आए मुस्लिम समुदाय को गुलाब का फूल दिया है. ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जुमे की नमाज शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो. सवाल ये है कि क्या लखनऊ पुलिस ये मान चुकी है कि अब रसूल को लेकर सारा विवाद खत्म हो गया है?
सियासत | 4-मिनट में पढ़ें
Agnipath Violence: सबका अपना-अपना 'जुमा'- कोई जमा, कोई नहीं जमा!
17 जून 2022 के इस 'जुमे' को जोड़ लें तो अग्निपथ स्कीम के विरोध के नाम पर हिंसा का तीसरा दिन है. इन तीन दिनों में नौकरी की आड़ लेकर जिस तरह दंगाइयों ने देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है, इस बात की तस्दीख खुद हो जाती है कि समुदाय, वर्ग, धर्म कोई भी हो हर किसी का अपना एक 'जुमा' है.
सियासत | 6-मिनट में पढ़ें
Agnipath Scheme के उपद्रवी विरोधियों पर जुमे के दंगाइयों जैसी कार्रवाई क्यों नहीं?
जुमे की नमाज के बाद मुसलमानों द्वारा किया गया उपद्रव अराजक था. सरकारों ने उपद्रवियों के चेहरे बेनकाब किए, मास्टरमाइंडों के घरों पर बुल्डोजर चलवाए. सब ठीक है. लेकिन गुरुवार को मोदी सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ छात्रों के उपद्रव पर सरकारें खामोश बैठी रहीं. पुलिस तो ऐसी संवेदनशील नजर आई, कि पूछिए मत. क्या कोई उपद्रव जायज और दूसरा जायज होता है?
सियासत | 3-मिनट में पढ़ें
बुलडोजर के सामने लेटने वाले को 20% वोट, सपा, बसपा और कांग्रेस के लिए खुला ऑफर!
तमाम ख़ास और आम मुसलमानों से बात करने पर एक कॉमन राय सामने आ रही है. लोग कह रहे हैं कि कुछ मुसलमानों पर ज़ुल्म कर पूरी क़ौम को डराया जा रहा है. इस ज़ुल्म के खिलाफ जो विपक्षी दल के शीर्ष नेता जमीन पर विरोध करते नजर आएंगे, जेल जाने से नहीं डरेंगे, उन्हें ही अल्पसंख्यक वर्ग बिना बंटे, बिना बिखरे एक मुश्त वोट देगा.
ह्यूमर | 4-मिनट में पढ़ें



