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चीन के बढ़ते रक्षा बजट से भारत को सतर्क रहने की आवश्यकता...
चीन अपना दबदबा बढ़ाने के लिए नौसेना की पहुंच को समुद्री क्षेत्रों में फैला रहा है. इस साल के रक्षा बजट का मुख्य जोर नौसेना के विकास पर रहेगा, क्योंकि दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर पर उसके दावे तथा समुद्री आवागमन के लिहाज से इस क्षेत्र में तनाव बढ़ा हुआ है. इसके अलावा, एशिया प्रशांत क्षेत्र में अस्थिर सुरक्षा स्थिति को देखते हुए उसके जवाब के तौर पर तैयार होना है.
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चीन का रक्षा बजट 210 अरब डॉलर का है और भारत का रक्षा बजट करीब 70 अरब डॉलर का. वहीं, भारत के रक्षा बजट में पूर्व सैनिकों की पेंशन का हिस्सा भी जुड़ा हुआ है. आसान शब्दों में कहें, तो भारत का रक्षा बजट पूरी तरह से सेना के आधुनिकीकरण के लिए इस्तेमाल नहीं होता है. चीन और पाकिस्तान से घिरे भारत के लिए रक्षा बजट काफी अहम है. लेकिन, इसमें बढ़ोत्तरी बहुत ज्यादा नहीं हुई है.
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