सियासत | 4-मिनट में पढ़ें
'लोकतंत्र की हत्या' की जिम्मेदारी ममता बनर्जी के कंधों पर ही आनी है
पश्चिम बंगाल में भाजपा से मिल रही कड़ी चुनावी टक्कर ने ममता बनर्जी को बुरी तरह से बौखला दिया है. 'दीदी' के सत्ता में काबिज होने से लेकर वर्तमान विधानसभा चुनावों में केवल एक ही अहम बदलाव हुआ है और वह है उनके तेवरों का बेतरतीब हो जाना. ममता बनर्जी का गुस्सा उनकी सियासी जमीन को कमजोर करता जा रहा है.
समाज | 7-मिनट में पढ़ें
कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह की रिहाई कराने वाले 'बस्तर के गांधी' की कहानी
नक्सलियों की वजह से सरकार जब भी मुसीबत में होती है, तो उसको गांधी याद आते हैं. लेकिन महात्मा गांधी नहीं, 'बस्तर के गांधी' धर्मपाल सैनी, जिनको लोग 'ताऊजी' कहकर भी संबोधित करते हैं. कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह मनहास की रिहाई के बाद से ही Dharampal Saini सुर्खियों में बने हुए हैं.
समाज | 3-मिनट में पढ़ें
नक्सल हमले में मारे गए शहीदों पर तीन दिन शोक के बाद क्या होगा?
छत्तीसगढ़ में जो जवानों के साथ हुआ है अगर उसके बावजूद किसी भी व्यक्ति को ये लगता कि जवान बीस हजार की सैलरी के लिए नक्सलियों से लड़ते हैं तो लानत है उनके ऊपर. बाकी रहा है छत्तीसगढ़ में जो लोग शहीद हुए हैं वो बस केवल एक संख्या बनकर रह जाएंगे.
सियासत | 7-मिनट में पढ़ें
22 जवानों की शहादत का जिम्मेदार कौन है नक्सल कमांडर हिडमा, जो मौत को भी दे देता है मात?
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में घात लगाकर हमारे 22 जवानों का नरसंहार करने वाला नक्सल कमांडर माडवी हिडमा मोस्ट वांटेड क्रिमिनल है. पिछले दो दशक से सुरक्षाबलों को इसकी तलाश है, लेकिन आजतक इसका कोई सुराग नहीं मिल पाया. आखिर कौन है हिडमा? कैसे देता है नक्सल हमले को अंजाम? क्या है इस समस्या का समाधान?
सियासत | 5-मिनट में पढ़ें
सियासत | 5-मिनट में पढ़ें
सिनेमा | 3-मिनट में पढ़ें
सियासत | बड़ा आर्टिकल
'शहीद' के नाम पर राहुल गांधी ने जो कहा उसका सच कुछ और है
शहीद जैसा कोई दर्जा होता ही नहीं है. ना तो सरकारी रिकॉर्ड में, ना ही सेना में. अब जो दर्जा होता ही नहीं है, उसे लेकर लड़ाई किस बात की? ये शब्द सिर्फ मीडिया और राजनीति में इस्तेमाल होता है और सेना इसका इस्तेमाल अपने जवानों का मनोबल बढ़ाने के लिए करती है.
सियासत | 6-मिनट में पढ़ें






