• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सिनेमा

पठान ट्रेलर पर 100 शब्द से ज्यादा भी लिखना YRF और दी ग्रेट शाहरुख खान की तौहीन है!

    • अनुज शुक्ला
    • Updated: 10 जनवरी, 2023 05:24 PM
  • 10 जनवरी, 2023 01:34 PM
offline
पठान के ट्रेलर दर ट्रेलर से ये साबित हो रहा है कि शाह रुख खान का 'कमबैक' इतना आसान नहीं है. वे पठान के ट्रेलर के जरिये दर्शकों को जो मैसेज देना चाहते हैं, वह बहुत ठीक से समझ लिया गया है.

पठान के ट्रेलर ने साबित कर दिया कि सात साल से कमबैक का प्रयास कर रहे शाह रुख खान को अभी और इंतज़ार करना पड़ेगा. शायद जवान या डंकी उनकी कमबैक फिल्म बने. YRF की पठान औसत, आउटडेटेड वीडियोगेम कॉन्टेंट की वजह से फ्लॉप हो जाएगी. बात दूसरी है कि जर्मनी या दुबई में ब्लॉकबस्टर भी हो जाए. बॉलीवुड की खराब फ़िल्में भी पैसा कमाने में उस्ताद हैं. खान्स की पिछली फ्लॉप फिल्मों को ही देख लीजिए.

पठान की तारीफ़ या निंदा में 100 शब्द से ज्यादा भी लिखना दी ग्रेट शाहरुख खान की तौहीन है:

नाम बड़े और दर्शन छोटे. मैं अपने शब्द बचाकर रख रहा हूं. पठान कम्प्यूटर की मदद से बनाई गई औसत से भी कमजोर और बेहद नकली फिल्म है. कम्प्यूटर पर ही बनी शाह रुख खान की रा-वन इससे बेहतर है. पठान में बैनर, एक्टर्स के 'नाम' के सिवाय कुछ भी बड़ा नहीं. कुछ भी नहीं का मतलब कुछ भी नहीं ही है. समर्थकों-निंदकों को चाहिए कि अब जवान (कमबैक ही कही जाएगी) के लिए एनर्जी बचाएं. खुदा के लिए 25 जनवरी के बाद बर्बादी पर किसी बायकॉट को दोष ना दें. पठान अपनी मौत का सामान खुद लेकर आ रहा है.

पठान-शाहरुख खान की ये 13 कहानियां आपका नजरिया और साफ करेंगी:-

शाहरुख खान पैसे के दम पर कुछ भी खरीद सकते हैं पर कामयाबी नहीं

पठान भाड़ में जाए- शाहरुखों का क्या, उन्हें कैसी फ़िक्र? रोना तो यशराजों का है!

पठान के ट्रेलर ने साबित कर दिया कि सात साल से कमबैक का प्रयास कर रहे शाह रुख खान को अभी और इंतज़ार करना पड़ेगा. शायद जवान या डंकी उनकी कमबैक फिल्म बने. YRF की पठान औसत, आउटडेटेड वीडियोगेम कॉन्टेंट की वजह से फ्लॉप हो जाएगी. बात दूसरी है कि जर्मनी या दुबई में ब्लॉकबस्टर भी हो जाए. बॉलीवुड की खराब फ़िल्में भी पैसा कमाने में उस्ताद हैं. खान्स की पिछली फ्लॉप फिल्मों को ही देख लीजिए.

पठान की तारीफ़ या निंदा में 100 शब्द से ज्यादा भी लिखना दी ग्रेट शाहरुख खान की तौहीन है:

नाम बड़े और दर्शन छोटे. मैं अपने शब्द बचाकर रख रहा हूं. पठान कम्प्यूटर की मदद से बनाई गई औसत से भी कमजोर और बेहद नकली फिल्म है. कम्प्यूटर पर ही बनी शाह रुख खान की रा-वन इससे बेहतर है. पठान में बैनर, एक्टर्स के 'नाम' के सिवाय कुछ भी बड़ा नहीं. कुछ भी नहीं का मतलब कुछ भी नहीं ही है. समर्थकों-निंदकों को चाहिए कि अब जवान (कमबैक ही कही जाएगी) के लिए एनर्जी बचाएं. खुदा के लिए 25 जनवरी के बाद बर्बादी पर किसी बायकॉट को दोष ना दें. पठान अपनी मौत का सामान खुद लेकर आ रहा है.

पठान-शाहरुख खान की ये 13 कहानियां आपका नजरिया और साफ करेंगी:-

शाहरुख खान पैसे के दम पर कुछ भी खरीद सकते हैं पर कामयाबी नहीं

पठान भाड़ में जाए- शाहरुखों का क्या, उन्हें कैसी फ़िक्र? रोना तो यशराजों का है!

8 पैक एब्स वाले रितिक-शाहरुख की एक सैलरी में 'गोलू' ऋषभ 5 कांतारा बनाकर करोड़ों कमा सकते हैं

शाहरुख खान को बहरूपिया बनने की जरूरत नहीं, खुल कर करें राजनीति!

अगर जर्मनी में पठान की रिकॉर्डतोड़ बुकिंग हुई फिर क्यों 9 साल से फ्लॉप की झड़ी लगा रहे शाहरुख?

सुनील शेट्टी पहले यह बताएं- बॉलीवुड में, एक प्रतिशत में ड्रगिस्ट कौन-कौन हैं?

बॉलीवुड-साउथ में फर्क क्या है, इन तस्वीरों से भी समझ सकते हैं कि लोगों की चर्चा का विषय क्या है?

'बिना ब्रेक का बुलडोजर हूं मैं, विध्वंस कर दूंगा'- अखंडा के मर्दाना डॉयलॉग के आगे फीका पठान

पठान पर बालकृष्ण की अखंडा बीस साबित हो रही है, ये पांच चीजें गौर करने लायक हैं

नवाजुद्दीन सिद्दीकी क्यों कह रहे हैं- 100 करोड़ फीस लेने वाले एक्टर्स ने बर्बाद किया बॉलीवुड

क़तर में दीपिका के कपड़ों ने साफ कर दिया, बेशरम रंग पठान को चर्चा में लाने की 'शाहरुखिया' ट्रिक है!

जब 'संत' नहीं बने थे शाहरुख, सनी देओल से अजय देवगन-रितिक रोशन तक झेल चुके हैं बादशाही घमंड

चीन शवयात्राओं में स्ट्रिपर्स का डांस बैन करता है, यहां बेशरम रंग जैसी गंदगी, सेंसर कर क्या रहा?

 


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    सत्तर के दशक की जिंदगी का दस्‍तावेज़ है बासु चटर्जी की फिल्‍में
  • offline
    Angutho Review: राजस्थानी सिनेमा को अमीरस पिलाती 'अंगुठो'
  • offline
    Akshay Kumar के अच्छे दिन आ गए, ये तीन बातें तो शुभ संकेत ही हैं!
  • offline
    आजादी का ये सप्ताह भारतीय सिनेमा के इतिहास में दर्ज हो गया है!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲