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सुनील शेट्टी पहले यह बताएं- बॉलीवुड के एक प्रतिशत में ड्रगिस्ट कौन-कौन हैं?

    • अनुज शुक्ला
    • Updated: 07 जनवरी, 2023 03:24 PM
  • 07 जनवरी, 2023 02:20 PM
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पठान के पक्ष में संकेतों में माहौल बनाने वाले सुनील शेट्टी ने बॉलीवुड की बर्बादी का ठीकरा खराब काम की बजाए राजनीति पर फोड़ा है. मगर बातों बातों में उन्होंने कन्फर्म कर दिया कि समूचा तो नहीं मगर बॉलीवुड में एक प्रतिशत लोग ड्रग लेते हैं. लेकिन दिनभर नहीं लेते हैं.

मुंबई में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ फ़िल्मी सितारों की एक मीटिंग हुई. इस दौरान शाहरुख खान के पक्ष में खड़े नजर आए सुनील शेट्टी ने इशारों-इशारों में जोरदार राजनीतिक टिप्पणियां कीं. शाहरुख खान ने कोलकाता में ममता बनर्जी के मंच से संकेतों में जिस तरह निगेटिविटी फैलाने और खुद के पॉजिटिव होने का रोना रोया था, एक तरह से सुनील शेट्टी ने उसे और साफ़ करना चाहा है. यह कि शाहरुख जिस नकारात्मकता की बात कर रहे थे, वह पीएम की वजह से है. एक तरह से उन्होंने कह दिया कि सोशल मीडिया पर बॉलीवुड के खिलाफ जो माहौल बना है उसकी वजह पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा के तमाम बड़े नेता हैं.

सुनील शेट्टी ने कहा- ये जो ट्रेंड चल रहा है बायकॉट बॉलीवुड ये आपके (योगी) कहने से रुक भी सकता है. ये ट्विटर पर जो ट्रेंड चलता है, वो कैसे रोका जा सकता है, आदरणीय प्रधानमंत्री जी से आप कहें तो बहुत फ़र्क़ पड़ सकता है सर. सुनील शेट्टी ने पूरी तरह से राजनीतिक कमेंट किया है. बावजूद कि बॉलीवुड की फिल्मों का कमजोर कॉन्टेंट दर्शक नहीं जुटा पा रहा. बॉलीवुड की ही तमाम पॉपुलर फ़िल्में हिट हुई हैं इसी दौरान. बॉलीवुड अपनी कमजोरियों पर बात करने की बजाए नाकामी का ठीकरा दूसरों पर फोड़कर सुर्खियां बटोरना चाहता है. गैंग के तमाम लोग एक दूसरे की मदद करते दिख रहे हैं.

सुनील शेट्टी का बयान पूरी तरह से राजनीतिक है.

बॉलीवुड वाले दिनभर नहीं तो कब ड्रग लेते हैं और एक प्रतिशत में कौन-कौन ?

खैर. यह लगभग साफ़ होता दिख रहा है कि पठान पूरी तरह से राजनीतिक मकसद और ध्रुवीकरण तैयार करने के लिए बनाई गई है. चीजें पूरी तरह से राजनीतिक हैं. लेकिन सुनील शेट्टी ने पूरी बातचीत में दो जरूरी बातें भी जाने-अनजाने कह दी हैं. बीबीसी के मुताबिक़ उन्होंने कहा- "मुझे ये बोलते हुए दुख होता है...

मुंबई में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ फ़िल्मी सितारों की एक मीटिंग हुई. इस दौरान शाहरुख खान के पक्ष में खड़े नजर आए सुनील शेट्टी ने इशारों-इशारों में जोरदार राजनीतिक टिप्पणियां कीं. शाहरुख खान ने कोलकाता में ममता बनर्जी के मंच से संकेतों में जिस तरह निगेटिविटी फैलाने और खुद के पॉजिटिव होने का रोना रोया था, एक तरह से सुनील शेट्टी ने उसे और साफ़ करना चाहा है. यह कि शाहरुख जिस नकारात्मकता की बात कर रहे थे, वह पीएम की वजह से है. एक तरह से उन्होंने कह दिया कि सोशल मीडिया पर बॉलीवुड के खिलाफ जो माहौल बना है उसकी वजह पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा के तमाम बड़े नेता हैं.

सुनील शेट्टी ने कहा- ये जो ट्रेंड चल रहा है बायकॉट बॉलीवुड ये आपके (योगी) कहने से रुक भी सकता है. ये ट्विटर पर जो ट्रेंड चलता है, वो कैसे रोका जा सकता है, आदरणीय प्रधानमंत्री जी से आप कहें तो बहुत फ़र्क़ पड़ सकता है सर. सुनील शेट्टी ने पूरी तरह से राजनीतिक कमेंट किया है. बावजूद कि बॉलीवुड की फिल्मों का कमजोर कॉन्टेंट दर्शक नहीं जुटा पा रहा. बॉलीवुड की ही तमाम पॉपुलर फ़िल्में हिट हुई हैं इसी दौरान. बॉलीवुड अपनी कमजोरियों पर बात करने की बजाए नाकामी का ठीकरा दूसरों पर फोड़कर सुर्खियां बटोरना चाहता है. गैंग के तमाम लोग एक दूसरे की मदद करते दिख रहे हैं.

सुनील शेट्टी का बयान पूरी तरह से राजनीतिक है.

बॉलीवुड वाले दिनभर नहीं तो कब ड्रग लेते हैं और एक प्रतिशत में कौन-कौन ?

खैर. यह लगभग साफ़ होता दिख रहा है कि पठान पूरी तरह से राजनीतिक मकसद और ध्रुवीकरण तैयार करने के लिए बनाई गई है. चीजें पूरी तरह से राजनीतिक हैं. लेकिन सुनील शेट्टी ने पूरी बातचीत में दो जरूरी बातें भी जाने-अनजाने कह दी हैं. बीबीसी के मुताबिक़ उन्होंने कहा- "मुझे ये बोलते हुए दुख होता है कि हमारे ऊपर कलंक है क्योंकि हममें से 99 प्रतिशत लोग ऐसे नहीं हैं, हम दिन भर ड्रग्स नहीं लेते, हम दिनभर गलत काम नहीं करते. अच्छे काम से भी हमेशा जुड़े हैं. भारत को अगर बाहर के देशों से और भारतीयता से किसी ने जोड़ा है तो वो है हमारा संगीत, हमारी कहानियां हैं." सुनील शेट्टी के बयान को देखें तो वह खुद ही बता रहे हैं कि इंडस्ट्री में तमाम लोग दिनभर ड्रग्स नहीं लेते हैं. 99 प्रतिशत लोग तो ऐसे नहीं हैं.

अब दो बड़े सवाल हैं जिसे सुनील शेट्टी को जरूर बताना चाहिए. पहला यह कि तमाम लोग जो दिनभर ड्रग्स नहीं लेते है, वे कब ड्रग्स लेते हैं? क्या शाम को ड्रग्स लेते हैं. या फिर रात में ड्रग्स लेते हैं. या जब काम नहीं कर रहे होते हैं छुट्टियों के दौरान ड्रग्स लेते हैं. उन्हें दूसरी बात यह भी बतानी चाहिए कि आखिर बॉलीवुड में एक प्रतिशत लोग कौन हैं जो ड्रग्स लेते हैं? वे लोग कौन हैं? कहीं ये वही लोग तो नहीं जो पिछले कुछ सालों से बॉलीवुड के माई-बाप बने हुए हैं. सुनील शेट्टी ने चूंकि गलत जगह, गलत प्रसंग उठाकर "ब्लेम गेम" खेला है तो उनका दायित्व है. एजेंसियों को भी चाहिए कि बॉलीवुड के एक प्रतिशत ड्रगिस्ट की खोज में सुनील शेट्टी की मदद ली जाए. ड्रग्स और उसके पीछे लगे टेरर नेटवर्क के खिलाफ समाज में तीखी प्रतिक्रिया है. और सुनील शेट्टी एक निर्णायक लड़ाई के लिए बहुत सारी जानकारियां दे सकते हैं.

बीबीसी की खबर का स्क्रीनशॉट, सुनील शेट्टी का पूरा बयान पढ़ सकते हैं.

सुनील शेट्टी के बयान ने साफ़ कर दिया कि सुशांत की मौत साधारण नहीं थी, कब बाहर आएंगे बॉलीवुड के ड्रगिस्ट  

सुनील शेट्टी को जरूर बताना चाहिए. क्योंकि भारत जानना चाहता है कि आखिर बॉलीवुड के ड्रगिस्ट कौन हैं? बावजूद उन्होंने शाहरुख के पक्ष में एक तरह से माहौल ही बनाया. जैसा कि आई चौक ने पहले ही अपने तमाम विश्लेषणों में बताने की कोशिश की थी कि कुछ लोग कैसे विवाद खड़ाकर फिल्मों को बेंचना चाहते हैं. और बिना किसी प्रतिभा के संसाधनों के सहारे विवादों के सहारे शीर्ष पर बने रहना चाहते हैं. कैसे फिल्मों को हिट कराने के किए राजनीतिक ध्रुवीकरण का सहारा ले रहे हैं और अब दक्षिण, हॉलीवुड, ओटीटी की वजह से नाकामी के आरोप दूसरों पर लगा रहे हैं. सुनील शेट्टी ने जिस तरह इशारों में बॉलीवुड की बर्बादी के लिए प्रधानमंत्री का नाम घसीटा है वह बेहद शर्मनाक है. उन्हें जरूर बताना चाहिए कि आखिर चल क्या रहा है?

ड्रग्स पर सुनील शेट्टी की स्वीकारोक्ति से साफ़ हो गया कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत साधारण नहीं थी, उसमें जो ड्रग एंगल निकलकर आया था उसका बड़ा हाथ हो सकता है. सुशांत केस और ड्रग एंगल में यशराज फिल्म्स, करण जौहर और दीपिका पादुकोण जैसे नाम भी मीडिया की सुर्खियों में आए थे. यशराज फिल्म्स ने ही शाहरुख के लिए पठान का निर्माण किया है. एक तरह से यशराज ने ही शाहरुख को सुपर स्टार बनाया. आरोप यह भी लगे थे कि यशराज के बैनर ने सुशांत के करियर को प्रभावित किया. सुनील शेट्टी अगर बताने में असमर्थ हो रहे हों तो अब सरकार को सामने आना चाहिए और बताना चाहिए कि आखिर बॉलीवुड में जहर का कारोबार करने वालों में कौन-कौन शामिल है. यह देश की युवा शक्ति के लिए जरूरी है. ड्रग हमारे पड़ोस में हमारे घरों में पहुंच चुका है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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