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'बिना ब्रेक का बुलडोजर हूं मैं, विध्वंस कर दूंगा'- अखंडा के मर्दाना डॉयलॉग के आगे फीका पठान
अखंडा और पठान के संवादों को देखें तो समझ में आता है कि बॉलीवुड लगातार क्यों बर्बाद हो रहा है. पठान एक कन्फ्यूज फिल्म है, समझ ही नहीं आता कि वह दुनिया के किस दर्शक वर्ग के लिए बनाई गई है. बॉलीवुड अपनी बर्बादी का सामान खुद तैयार कर रहा है. इसमें किसी और का दोष नहीं.
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