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Updated: 08 अक्टूबर, 2019 08:16 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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अपने होम ग्राउंड पर श्रीलंका से मिली शर्मनाक हार के बाद टीम पाकिस्तान और कोच मिस्बाह उल हक तमाम तरह की आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं. पाकिस्तानी क्रिकेट प्रेमी इस वजह से भी अपनी टीम को कोस रहे हैं कि श्रीलंका की जिस टीम ने पाकिस्तान को हराया उसमें कोई अनुभवी खिलाड़ी नहीं था और सब नौसिखिये थे. वहीं बात अगर पाकिस्तान की हो तो टीम में अनुभवी खिलाड़ियों की भरमार थी. साथ ही कोच मिस्बाह ने भी कई ऐसे खिलाड़ियों को मौका दिया था जिन्हें लेकर कहा यही जा रहा था कि ये पाकिस्तानी क्रिकेट को नए आयाम दे सकते हैं. ध्यान रहे कि श्रीलंका की टीम ने पाकिस्तान को 3 मैचों की टी20 सीरीज में मात देकर इतिहास रच दिया है. सीरीज का पहला मुकाबला जीतने के बाद श्रीलंका ने पाकिस्तान को दूसरे मैच में 35 रन से हराकर सीरीज अपने नाम की. दिलचस्प बात ये भी है कि इस जीत के साथ ही श्रीलंका, पाकिस्तान में टी20 सीरीज जीतने वाली दुनिया की पहली टीम बन गई है.

मिस्बाह-उल-हक, पाकिस्तान, श्रीलंका, सीरीज, इमरान खानश्रीलंका से मिली शिकस्त के बाद टीम पाकिस्तान चौतरफा आलोचना का शिकार हो रही है

जैसा कि पाकिस्तान में कई बार देखने को मिला है इस सीरीज में ख़राब प्रदर्शन के लिए हेड कोच मिस्बाह उल हक को जिम्मेदार ठहरा दिया गया है. क्या पाकिस्तानी मीडिया क्या फैन्स, हेड कोच के बेतुके फैसलों और टीम के स्टार खिलाड़ियों के फिसड्डी साबित होने के बाद पूरा पाकिस्तान बुरी तरह आहत है. जैसा रवैया मिस्बाह उल हक को लेकर इस वक़्त पाकिस्तान में मीडिया और फैन का है. ये कहना कहीं से भी गलत नहीं है कि प्रधानमंत्री इमरान खान की जितनी बेइज्जती कश्मीर मसले को लेकर नहीं हुई उससे ज्यादा रुसवाई दो मैचों के कारण पाकिस्तान में मिस्बाह की हो रही है.

वहीं मिस्बाह ने भी पाकिस्तानी क्रिकेट के बरसों पुराने एटीट्यूड का परिचय देते हुए इस हार पर न सिर्फ आरोपों और प्रत्यारोपों की सफाई दी है बल्कि ये तक कहा है कि बदलाव और प्रयोगों के प्रति आलोचकों को कुछ संयम बरतना होगा क्योंकि परिणाम हासिल करने में थोड़ा समय लगेगा.

हार के बाद जो प्रेस कांफ्रेंस मिस्बाह ने की है अगर उस पर गौर किया जाए तो मिलता है कि इस सीरिज में पाकिस्तान की परफॉरमेंस में कई खामियां रही हैं. न तो टीम की बॉलिंग सही थी और न ही टीम ने बैटिंग में कोई विशेष झंडे गाड़े. अपनी प्रेस कांफ्रेंस में मिस्बाह ने इस बात को स्वीकार किया है कि टीम में अनुशासनहीनता है और तब तक चीजें सही नहीं होंगी जब तक वो अपनी इन कमियों पर काम नहीं करती.

जैसे कि हम ऊपर बता चुके हैं इस सीरीज में कुछ पुराने खिलाड़ियों जैसे उमर अकमल और मोहम्मद शहजाद को मौका दिया गया था प्रेस कांफ्रेंस में इसपर भी खूब सवाल हुए. ध्यान रहे कि इस सीरीज के लिए स्टार स्टेटस रखने वाले उमर अकमल अपने दोनों ही मैचों में शून्य पर आउट हुए थे जिसके बाद कोच मिस्बाह की खूब किरकिरी हुई थी. पत्रकारवार्ता में सवालों का जवाब देते हुए मिस्बाह की बेचारगी साफ़ जाहिर थी. मिस्बाह ने कहा कि बीते दिनों जैसी परफॉरमेंस दोनों खिलाड़ियों की थी वो जबरदस्त थी. हेड कोच मिस्बाह  इस बात को भी मानते हैं कि क्रिकेट के तीनों ही फॉर्मेट में अकमल और शहजाद का परफॉरमेंस कमाल का रहा है. ऐसे में दोनों खिलाड़ियों की परफॉरमेंस वाकई चिंता में डालने वाला बिंदु है.

मिस्बाह-उल-हक, पाकिस्तान, श्रीलंका, सीरीज, इमरान खानजैसा कि पाकिस्तान में होता रहता है इस हार का पूरा ठीकरा मिस्बाह पर फोड़ दिया गया है

इस हार को एक एक्सपेरिमेंट की तरह ले रहे हैं मिस्बाह

पत्रकारों से बात करते हुए जो अंदाज और जैसे जवाब मिस्बाह के थे साफ़ पता चल रहा था वो टीम में न प्रयोग कर रहे हैं. खुद मिस्बाह ने इस बात को स्वीकार किया कि जब आप प्रयोग करते हैं तभी आपको सवालों के जवाब मिलते हैं. आलोचकों को सब्र करने की सलाह देते हुए मिस्बाह ने कहा कि जब हमने तीन साल सब्र किया है तो इस समय भी करना चाहिए . इस सीरीज के बाद हमें लग गया है कि हम कहां हैं.

क्या है मिस्बाह का प्लान बी

श्रीलंका के नौसिखियों से पाकिस्तान के अनुभवियों का इस तरह हारना वाकई शर्मिंदगी भरा है. आगे ऐसा कुछ न हो इसके लिए मिस्बाह के पास प्लान तैयार है. पत्रकारवार्ता में मिस्बाह ने टीम की बॉलिंग का जिक्र किया है और कहा है कि किसी ज़माने में हमारा सबसे मजबूत बिंदु रही यॉर्कर आज हमारा सबसे कमजोर पक्ष है. किसी ज़माने में हमारे खिलाड़ी छह की छह गेंदें यॉर्कर डालते थे जबकि आज ऐसा नहीं है. भविष्य में हम अपनी इस कमी को दूर करेंगे. हम (पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ) चाहते हैं कि वकार यूनुस आएं और हमें यॉर्कर गेंदों के लिए पूरी ट्रेनिंग दें.

जो परफॉर्म करेगा उसे टीम देगी मौका

कह सकते हैं कि ये वक़्त मिस्बाह और टीम पाकिस्तान के लिए करो या मरो का वक़्त है. मिस्बाह का कहना है कि कोई भी हो, आने वाले समय में जो कोई भी परफॉर्म करेगा टीम उसे मौका देगी. मिस्ताब ने कहा है कि, ओपन चांस है जो जो खेलेगा और जो जो परफॉर्म करेगा उसे आगे भी मौके दिए जाएंगे. जैसे आज के हालत हैं कोई भी इंसान जो परफॉर्म करता है टीम में जगह बना सकता है.

पाकिस्तान में क्रिकेट से जुड़ा व्यक्ति कर रहा है खुद की लॉबिंग

इस हार के बाद जो एक दिलचस्प चीज पाकिस्तानी क्रिकेट के सन्दर्भ में निकल कर आई है वो है मुल्क के क्रिकेटरों का खुद की लॉबिंग करना. चाहे वसीम अकरम हों या फिर शोएब अख्तर और वकार यूनुस हर पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर बस इसी फ़िराक में है कि वो ऐसा क्या करें जिसके चलते उसे टीम से जुड़ने का अवसर मिल जाए. इस बात को हम शोएब अख्तर के उस विडियो से भी समझ सकते हैं जो उन्होंने इस हार के फ़ौरन बाद सोशल मीडिया पर डाला है.

मोहम्मद शमी के कंधे पर बंदूक रखकर शोएब अख्तर ने कहा है कि ये अपने आप में दुखद है कि पाकिस्तान के पेसर उनसे या फिर पाकिस्तान के उन लोगों से कोई सलाह नहीं लेते जो टीम में रह चुके हैं. अपने इस विडियो में जो बातें शोएब अख्तर ने कहीं हैं साफ़ है कि जैसे वो PCB से कह रहे हों कि अगर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड उन्हें मौका देता है तो वो टीम का काया पलट कर देंगे.

स्टेडियम में भी खिंचाई और बाहर भी

श्रीलंका से मिली इस हार के बाद जहां एक तरफ पाकिस्तान और पीसीबी आलोचकों के निशाने पर आ गई है. तो वहीं दूसरी तरफ इस सीरीज के चलते लाहौर और वहां की सड़कों का बुरा हाल है. खुद पाकिस्तानी मीडिया इस बात का समर्थन कर रही है कि इस सीरीज का आयोजन कर पाकिस्तान ने दुनिया को धोखा देने का प्रयास किया है.

मैच के चलते लाहौर के ख़राब हालात पाकिस्तानी न्यूज़ चैनल की डिबेट्स में अहम मुदा बने हैं और कहा यही जा रहा है कि इस सीरीज को लाहौर में करवाकर कहीं न कहीं प्रधानमंत्री इमरान खान अपनी नाकामी छुपाने की कोशिश कर रहे हैं. आपको बताते चलें कि लाहौर की सभी प्रमुख सड़कों पर बैरीकेडिंग की गई है जिस कारण आम लोगों और मरीजों तक को भारी दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों का तर्क है कि जो प्रधानमंत्री अपनी 1 करोड़ जनता को इज्जत नहीं दे सकता. वो लाहौर के 13 खिलाड़ियों को क्या इज्जत देगा. 

बहरहाल, बात की शुरुआत पाकिस्तानी टीम को मिली शर्मनाक हार और कोच मिस्बाह की ख़राब कोचिंग से शुरू हुई है तो हम भी बस ये कहकर अपनी बात को विराम देंगे कि मिस्बाह ने अपना भविष्य रोशन करने के लिए एक ऐसी दीवार का सहारा लिया है जो जगह जगह से जर्जर है.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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