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Updated: 20 फरवरी, 2020 06:59 PM
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भारत में कोरोनावायरस (Coronavirus) से जुड़े दो पहलू बरकरार हैं. पहले एक अच्‍छी खबर... कोरोनावायरस की चपेट में केरल के तीनों नागरिकों को इस बीमारी से मुक्‍त घोषित कर दिया गया है. लेकिन इसका दूसरा पहलू ऐसा है, जिससे चिंताएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. एक ऐसे वक़्त में जब सोशल मीडिया पर ऐसे तमाम वीडियो भरे हों, जो कोरोना वायरस को लेकर गफलत की स्थिति पैदा कर रहे हों. बेचैनी बढ़ना और जहन में तमाम तरह के सवाल आना लाजमी है. जवाब की अपेक्षा उनसे की जा रही है जो इस मामले के एक्सपर्ट हों. इंडिया टुडे ने जसलोक हॉस्पिटल (Jaslok hospital) में संक्रामक रोगों के विभाग के डायरेक्टर डॉ. ओम श्रीवास्तव से बात की. डॉक्टर से सवाल वो हुए हैं, जो इस मामले को लेकर आम आदमी के दिमाग में आ रहे हैं. हमने ऐसे कुछ सवालों को लिया है जिनके बारे में लगातार लोग बातें कर रहे हैं और उन्हें विषय के एक्सपर्ट से पूछा है.

Corona Virus, China, Death, India,  Doctor, Precautionकोरोना वायरस से बचने का एकमात्र तरीका केवल सतर्कता है

आइये जाने क्या थे हमारे सवाल और कैसे उन सवालों के जवाब देकर डॉक्टर ने भ्रम की स्थिति को कम करने का प्रयास किया है.

सवाल- क्या कोरोना वायरस के बाद मौत होनी निश्चित है?

डॉक्‍टर: इस कथन का एक भाग सही है. हां इस समय इसका कोई इलाज नहीं है पर ये कहना कि वायरस के लिए टेस्ट होने पर जिसका परीक्षण पॉजिटिव पाया गया वो मर ही जाएगा ये सही नहीं है. अभी तक जो आंकडें आए हैं वो यही बताते हैं कि कोरोना के मामले में मृत्यु दर फ़िलहाल 1.5% से 2% है. इसका उपचार भी अपने आप में नॉन स्पेसिफिक है. ये सिर्फ सहायक हैं. इसके लिए विशिष्ट एंटीडोट, एंटीवायरल या वैक्सीन हैं मगर यदि मरीज को सही समय पर सही सेवा मिल जाए तो वो रिकवर हो सकते हैं और उनकी जिंदगी बच सकती है.

सवाल- यह घातक वायरस बनाया गया था और इसे लोगों के बीच डर फैलाने के लिए छोड़ा गया?

डॉक्‍टर: ये सिर्फ दावा है और इस दावे का समर्थन करने के लिए फ़िलहाल कोई सबूत नहीं है. इसलिए जब तक ये साबित नहीं हो जाता लोगों को इन थ्योरियों पर विश्वास नहीं करना चाहिए. ऐसा इसलिए भी क्योंकि ये थ्योरियां भ्रम और चिंता का कारण बनती हैं. लोगों को फैक्ट पर बात करनी चाहिए और वास्तविकता में जीना चाहिए.

सवाल- क्या ये वायरस केवल चीन तक ही सीमित है?

डॉक्‍टर: अभी तक ये वायरस चीन के अलावा 28-29 अन्य देशों में मिला है. ये फैल सकता है पर ये ऐसे नहीं फैलेगा जैसा ये चीन में फैला है. इसका कारण यह है कि चीनी सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इसे संगरोध किया गया है. यदि इसका प्रसार इतना प्रतिबंधित नहीं होता तो ये और स्थानों पर भी फैल जाता.

सवाल- क्या भारत में भी लोग मास्क लगाना शुरू कर दें?

डॉक्‍टर: वायरस के इस मामले में जिस तरह के सबूत मिले हैं, पता चलता है कि मास्क पहनने का कोई अतिरिक्त फायदा नहीं है. यदि आप किसी रोगी के साथ हैं या आप किसी रोगी को स्थानांतरित कर रहे हैं या आप ऐसे व्यक्ति की देखभाल कर रहे हैं जिसमें इस बीमारी के कुछ लक्षण दिख रहे हैं तो इस अवस्था में मास्क पहनने में कोई बुराई नहीं है.

इनके अलावा यदि कोई मास्क पहन के पब्लिक प्लेस में घूम रहा है तो वहां मास्क से कोई विशेष फायदा नहीं है. एयरपोर्ट पर अलग अलग देशों से तमाम लोग आ रहे हैं. ऐसे में ये पता लगाना भी बहुत मुश्किल है कि किसे इन्फेक्शन है. इसलिए यदि आप भीड़ में जैसे अगर आप एयरपोर्ट पर हैं तो यहां मास्क कारगर है इसके अलावा मास्क से आपको कोई खास फायदा नहीं होने वाला.

सवाल - क्या इस वायरस का उस बियर से संबंध है जो इसके नाम से बाजार में मिलती है? साथ ही क्या मांसाहार का भक्षण करने में भी कोई दिक्कत है?

डॉक्‍टर: इसका कोई संबंध नहीं है. सिर्फ दोनों के नाम मिल रहे हैं. मांसाहार से भी दूर रहने की कोई जरूरत नहीं है. अपनी खाने की आदतें बदलने की कोई जरूरत नहीं है. इसके कोई सबूत भी फिलहाल मौजूद नहीं हैं. जब तक आप जो खाते हैं वह ताजा है और अच्छी तरह से पकाया हुआ है, चिंता करने की जरूरत नहीं है.

आज बाजार में अलग अलग तरह के मीट उपलब्ध हैं. इसलिए जो सही से पका नहीं है या अधूरा पका है और आपको लगता है कि इसे खाना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है बेहतर है आप उससे उचित दूरी बनाए रहें. बाकी किसी और नॉन वेज फ़ूड आइटम से परहेज करने की कोई जरूरत नहीं है.

सवाल - अगर चीन से कोई पार्सल/ पैकेट आता है तो क्या वो भी खतरनाक हो सकता है?

डॉक्‍टर: इसकी संभवना बहुत कम है मगर इस बात को पूरी तरह से खारिज भी नहीं किया जा सकता. अब ये वायरस नोवेल कहला रहा है. हमें इस वायरस के बारे में कोई विशेष जानकारी नहीं हासिल है. इस बारे में जो भी जानकारी मिली है वो पिछले दो महीनों में मिली है और नई जानकारियां रोज सामने आ रही हैं.

इसलिए यह कहना केवल एक अनुमान है कि वायरस किसी विशेष समय अवधि के लिए प्रोडक्ट पर रहने वाला है. उच्च रिपोर्ट्स में ये दावा तक किया गया है कि ये 4 दिनों तक रह सकता है पर हम डॉक्टर्स रोजाना नई न्यूज़ देख रहे हैं.

सतर्क रहना सुरक्षित है और अगर किसी उत्पाद पर संदेह है तो वायरस से छुटकारा पाने के लिए उसकी सतह को अच्छी तरह से साफ किया जाना चाहिए. आज बाजार में ऐसे तमाम हैंड रब हैं जिनमें अल्कोहल मिला हुआ है उनका इस्तेमाल किया जाना चाहिए.

अस्पतालों में इस तरह के सफाई उत्पाद मौजूद हैं, लेकिन खुद से इस्तेमाल करने के बजाए बेहतर यही होगा कि ऐसे इस्तेमाल के वक़्त किसी स्वास्थ्य विशेषज्ञ को उस पूरी प्रक्रिया में शामिल किया जाना चाहिए.

सवाल- क्या आपका पालतू कुत्ता कोरोना वायरस का करियर का वाहक हो सकता है?

डॉक्‍टर: इस दावे पर कोई तथ्य या सबूत मौजूद नहीं है. आप अपने प्यारे जानवर को पूरे प्यार के साथ रख सकते हैं.

सवाल- कोरोना के मामले में एक आदमी क्या बुनियादी एहतियाती बरत सकता है?   

डॉक्‍टर: कोरोना के मामले में सबसे प्रमुख है इस वायरस को दूसरे व्यक्ति तक पहुंचने से रोकना. इसका मतलब ये हुआ कि जितनी ज्यादा बार हाथों को धोया जाएगा, इस वायरस के फैलने का चक्र टूटेगा. हमेशा अल्कोहल बेस वाला रब साथ में रखना होगा और उसका इस्तेमाल करना होगा. यह चक्र को तोड़ने में मदद करता है और इसका संक्रमण रुक जाएगा. खांसी और छींक के माध्यम से भी इसके संक्रमण का मुद्दा प्रमुख है. इसे दूर करने के लिए बुनियादी स्वच्छता को बनाए रखने की जरूरत है.

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