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Updated: 28 सितम्बर, 2019 06:47 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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यदि इमरान खान द्वारा दी गई स्पीच पर गौर किया जाए तो मिलता है कि ऐसे तमाम मौके आए जब इमरान खान ने अपने भाषण में हिंसा को भड़काने वाली बातें कहीं. इमरान ने चेतावनी देते हुए कहा कि भारत के जम्मू और कश्मीर में जब कर्फ्यू हटेगा, तब वहां खूनखराबा होगा. तब क्या होगा? क्या किसी ने इस बारे में सोचा है? इमरान इतने पर ही बाज आ जाते तो भी ठीक था. उन्होंने खुद को परमाणु शक्ति से संपन्न बताते हुए चेतावनी दी की यदि परमाणु शक्ति संपन्न दोनों पड़ोसियों के बीच टकराव हो गया तो उसके नतीजे उनकी सीमाओं से परे जाएंगे.

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सवाल ये है कि UNGA में इमरान अपना और अपने देश का पक्ष रखने गए थे. आखिर ऐसा क्या हुआ जिसके चलते उन्हें सीमाओं से परे जाना पड़ा? तो किसी भी समझदार आदमी के लिए ये समझना बहुत आसान है कि इमरान अपनी बातों से पाकिस्तानी आवाम को दिग्भ्रमित करना चाहते हैं ताकि उनका ध्यान मुख्य मुद्दों जैसे कर्ज, अर्थव्यवस्था और रोजगार से भटक जाए और उनका पूरा फोकस कश्मीर पर आ जाए और वो कश्मीर को ढाल बनाकर सड़कों पर आ जाएं.

इमरान ने की दूसरा पुलवामा होने की बात

UNGA में अपनी बातों के बीच-बीच में अल्लाह, रसूल, मुस्लमान को लाकर इमरान खान ने खुद को 'आला मुसलमान' साबित करने की पुरजोर कोशिश की है. मगर जब सच्चाई का रुख किया जाए तो मिलता है कि दीन ईमान की इन बातों के ठीक विपरीत वो आतंकवाद के पक्षधर हैं. संबोधन के दौरान इमरान का इस बात पर बल देना कि जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद दूसरा पुलवामा हो सकता है. खुद भारत के प्रति इमरान के मंसूबों की हकीकत बयां कर देता है. ध्यान रहे कि UNGA के मंच से भी इमरान ने वही बातें दोहरईं जो उन्होंने पूर्व में अलग अलग मंचों से कहीं थीं.

इमरान ने कहा कि मुसलमानों के साथ अन्याय हो रहा है जिसे प्ररि दुनिया के मुसलमान देख रहे हैं. अगर किसी ने हथियार उठा लिया तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? इमरान द्वारा लगातार की जा रही ऐसी बातों के बाद हम यही कहेंगे कि उनका ये कथन खुद अपने आप में इस बात की पुष्टि कर देता है कि पाकिस्तान के युवा आएं और इमरान के मंसूबों को अमली जामा पहनाते हुए कश्मीर और वहां की शांति को प्रभावित करें.

भारत ने दिया मुंहतोड़ जवाब

UNGA में इमरान ने भारत और देश के प्रधानमंत्री पर तमाम तरह के घिनौने आरोप लगाए. मगर हमेशा की तरह फिर एक बार भारत ने पाकिस्तान के मुंह पर तमाचा जड़ते हुए उसे उसी की भाषा में जवाब दिया है. UNGA में अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत की सचिव विदिशा मैत्रा ने कहा है कि इमरान ने UN के मंच का गलत इस्तेमाल करते हुए नफरत भरा भाषण दिया है. विदिशा ने इमरान खान द्वारा एक एजेंडे के तहत पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा है कि भारतीयों को आतंकवाद की फैक्ट्री चलाने वाले देश से नसीहत लेने की जरूरत नहीं है.

विदिशा ने ये भी कहा है कि परमाणु हमले की धमकी देकर इमरान खान ने अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की है. विदिशा के अनुसार इमरान क्रिकेटर रह चुके हैं और इसे जेंटलमैन का गेम माना जाता है लेकिन UNGA की स्पीच में उन्होंने (इमरान खान) अपरिपक्वता का परिचय दिया है. मैत्रा ने कहा, ‘ऐसा माना जाता है कि इस मंच से बोले गए हर शब्द का इतिहास से वास्ता है. दुर्भाग्य से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से हमने आज जो भी सुना, वह दोहरे अर्थों में दुनिया का निर्मम चित्रण था. हम बनाम वह, अमीर बनाम गरीब, उत्तर बनाम दक्षिण, विकसित बनाम विकासशील, मुस्लिम बनाम अन्य था। एक ऐसी पटकथा जो संयुक्त राष्ट्र में विभाजन को बढ़ावा देती है. मतभेदों को भड़काने और नफरत पैदा करने की कोशिश, जिसे सीधे तौर पर हेट स्पीच कहा जा सकता है.

भारत ने गिना दिए इमरान के एक-एक भड़काऊ शब्द

UNGA में इमरान द्वारा दिए भाषण को हेट स्पीच बताते हुए विदिशा ने कहा कि उन्होंने (इमरान ने) इस वैश्विक मंच का दुरुपयोग कर दुनिया को गुमराह किया है. भारत ने इमरान के 'नस्लीय संहार', 'ब्लड बाथ', 'नस्लीय सर्वोच्चता', 'बंदूकें उठा लो', 'आखिर तक लड़ेंगे' जैसे एक-एक शब्द को गिनाते हुए कहा कि यह उनकी मध्यकालीन मानसकिता को दिखाता है. विदिशा ने यूएन में साफ कहा कि इमरान खान की बोली हर बात झूठ है.

आतंकियों को पेंशनकी पेशकश करता है पाकिस्तान

UNGA में कैसे भारत ने पाकिस्तान के मुंह पर करारा तमाचा जड़ा है? इसे जो समझना हो तो हम विदिशा के भाषण के उस हिस्से का अवलोकन कर सकते हैं जिसमें उन्होंने कहा है कि क्या पाकिस्तान इस बात से इनकार करेगा कि दुनिया में केवल वहां की सरकार है जो अल कायदा और दाएश (ISIA) के यूएन द्वारा घोषित आतंकियों को पेंशन देती है. MEA की प्रथम सचिव ने इस बात पर भी बल दिया कि क्या पाकिस्तान के पीएम इस बात की पुष्टि नहीं करेंगे कि उनका देश UN द्वारा घोषित 130 आतंकियों और 25 आतंकी संगठनों की शरणस्थली है?

क्या पाकिस्तान इस बात से इनकार करेगा कि 27 में से 20 पैरामीटर्स के उल्लंघन के कारण फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स ने उसे नोटिस दे रखा है. क्या पीएम इमरान खान न्यू यॉर्क शहर से इनकार करेंगे कि वह ओसामा बिन लादेन का खुले तौर पर बचाव करते रहे हैं.

कश्मीर पर रखा भारत ने अपना पक्ष

UNGA में इमरान खान ने कश्मीर को लेकर खूब प्रोपोगेंडा फैलाया था. इसपर संयुक्त राष्ट्र और खुद इमरान खान को आईना दिखाते हुए विदिशा ने बताया कि भारत के पुराने कानून को हटाए जाने पर पाकिस्तान गलत बातें फैला रहा है. विदिशा के अनुसार,भारत जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को मुख्यधारा में शामिल करना चाहता है. भारत के लोगों को किसी भी दूसरे देश खासतौर पर जिसने नफरत की विचारधारा से आतंकवाद की फैक्ट्री बनाई है, की तरफ से सलाह या नसीहत लेने की जरूरत नहीं है.

बहरहाल, अब जबकि कश्मीर मसले को हथियार बनाकर इमरान खान ने पाकिस्तानी आवाम को जेहाद के झाड़ पर चढ़ा दिया है. तो बड़ा सवाल यही है कि आवाम उतरेगी कैसे? ये सवाल इसलिए भी जरूरी है क्योंकि आज भले ही आम पाकितानी कश्मीर मसले पर छाती पीट रहा है. मगर बात जब उसके खुद के अस्तित्व की आ रही है तो प्रधानमंत्री इमरान खान के कारण न सिर्फ उसका अस्तित्व और भविष्य दाव पर लग गया है. कह सकते हैं कि मुल्क अपने सबसे ख़राब दौर में है. ऐसे में जब पाकिस्तान को अपने खुद के घर की बेहतरी के लिए सोचना चाहिए, उनका सारा ध्यान भारत, कश्मीर, और प्रधानमंत्री मोदी पर है.

पाकिस्तान और इमरान खान का आने वाला वक़्त कैसा होगा? इसका जवाब वक्त देगा मगर जो वर्तमान है वो ये साफ़ बता रहा है कि इमरान पाकिस्तानियों के अलावा कश्मीरियों और यूएन तक को एक साथ बेवकूफ बना रहे हैं और इसे के बल पर सत्ता की मलाई खा रहे हैं.            

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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