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Updated: 26 फरवरी, 2019 04:54 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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पुलवामा हमले के शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि देते हुए भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में मंगलवार तड़के ही सर्जिकल स्ट्राइक कर दी है. ये तो वो सर्जिकल स्ट्राइक है जो देश से बाहर की गई है, लेकिन दूसरी ओर एनआईए और सुरक्षा बलों ने कश्मीर के अंदर भी एक सर्जिकल स्ट्राइक शुरू कर दी है. कश्मीर घाटी में कई अलगाववादी नेताओं के घरों पर छापे मारे गए हैं, ताकि पुलवामा जैसे हमले की फंडिंग करने वालों पर शिकंजा कसा जा सके. एनआईए इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आतंकवाद को पालने-पोषने वाले कौन हैं. वो कौन हैं जिनसे इन आतंकियों को फंडिंग होती है.

एनआईए के अधिकारियों ने स्थानीय पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों के साथ मिलकर करीब 9 जगहों पर छापे मारे हैं. सुबह करीब 7.30 बजे से ही एनआईने कार्रवाई शुरू कर दी. इस लिस्ट में पाकिस्तान का समर्थन करने वाले अलगाववादी सैयद अली शाह गिलानी के बेटे नईम गिलानी भी शामिल हैं, जिनके घर पर छापा मारा गया. इनके अलावा जेकेएलएफ नेता यासिन मलिक, शबीर शाह, अशरफ सेहराई और जफर भट के घरों पर भी छापे मारे गए और ये पता लगाने की कोशिश की गई कि पाकिस्तान से उनका कोई लिंक तो नहीं है.

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चप्पे-चप्पे पर तैनात हुए जवान

एनआईए इस बात को अच्छे से समझता है कि पाकिस्तान में किसी अलगाववादी नेता के घर पर छापा मारने का अंजाम क्या हो सकता है. ये अलगाववादी नेता महज एक इशारे भर से लोगों की भीड़ जुटा सकते हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए पहले घाटी में पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवानों को चप्पे-चप्पे पर तैनात किया गया और फिर हाई अलर्ट जारी कर के छापेमारी शुरू कर दी. जम्मू-कश्मीर में इस छापेमारी के मद्देनजर अर्धसैनिक बलों की 100 कंपनियां तैनात की गई हैं. आपको बता दें कि एक कंपनी में सैनिकों की संख्या 80 से 150 तक होती हैं और इन 100 कंपनियों में 45 सीआरपीएफ, 35 बीएसएफ, 10 एसएसबी और 10 आईटीबीपी की कंपनियां तैनात की गई हैं.

छीन ली थी अलगावादियों की सुरक्षा

14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों के काफिले पर हुए हमले के बाद गृह मंत्रालय ने अलगाववादियों के खिलाफ सख्त रुख अपना लिया था. सरकार ने 22 अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा और सरकारी सुविधाएं वापस ले ली थीं. आपको बताते चलें कि इन नेताओं को सीआरपीएफ के जवान ही सुरक्षा देते थे और आजाद कश्मीर की मांग करने वाली इन्हीं अलगाववादियों के चलते 40 सीआरपीएफ के जवान मारे गए. अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा में करीब 1000 सीआरपीएफ के जवान लगे हुए, जिन्हें अब सरकार ने वापस ले लिया है.

देश के दुश्मनों को तो भारतीय वायुसेना ने मुंहतोड़ जवाब दे दिया, लेकिन देश के गद्दारों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है. इस बात का शक है कि अलगाववादियों को पाकिस्तान से हवाला के जरिए फंड मिलता है, जिसका इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों और पत्थरबाजों की फंडिंग में होता है. इसीलिए एनआईए ने सुरक्षा बलों के साथ मिलकर ऐसे गद्दारों के खिलाफ भी सर्जिकल स्ट्राइक की शुरुआत कर दी है. जिस तरह पाकिस्तान में हुई सर्जिकल स्ट्राइक में करीब 300 आतंकी मारे गए हैं, ठीक वैसे ही एनआईए की छापेमारी में भी देश में छुपे गद्दारों का खुलासा जरूर होगा.

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