पोस्टर में योगी संग मुलायम, बुजुर्ग सपा नेता ने निजाम-ए-कुदरत को चैलेंज किया है!
मैटर क्लियर है. एक पोस्टर पर मुलायम सिंह यादव और योगी आदित्यनाथ की फ़ोटो छपवाकर सपा के वरिष्ठ नेता सुखराम सिंह यादव ने न केवल राजनीतिक पंडितों को हैरत में डाला है. बल्कि इसके जरिये निजाम ए कुदरत को भी सीधा चैलेंज दिया है.
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वाह दद्दा या सहमत दीदी सिर्फ फेसबुक, व्हाट्सएप और ट्विटर तक सीमित नहीं है. राजनीति में भी इनका भरसक और भरपूर इस्तेमाल होता है. कई लोग हुए हैं जो इसके दम पर अंत्री-मंत्री तो छोड़ ही दीजिये मुख्यमंत्री तक हुए हैं. ऐसे लोगों पर बात फिर कभी. फ़िलहाल जेर-ए-बहस मुद्दा सपा के वरिष्ठ नेता और सांसद चौधरी सुखराम सिंह यादव हैं. बीते कुछ वक्त से चौधरी साहब की भावना आहत है. चूंकि वो अखिलेश को नहीं बल्कि मुलायम सिंह को दद्दा मानते हैं इसलिए उन्होंने ऐसा बहुत कुछ कर दिया है जो शायद दद्दा मुलायम सिंह यादव को तो खुश कर दे. लेकिन उससे अखिलेश यादव के पेट में मरोड़ जरूर पैदा होगी. चौधरी साहब ने अभी बीते दिनों ही एक पोस्टर छपवाया है. पोस्टर में मुलायम सिंह होंगे ये लाजमी है. मगर पोस्टर में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और स्वतंत्र देव सिंह भी होंगे इस बात ये बड़े बड़े राजनीतिक पंडितों को भी हैरत में डाल दिया है. वो भी एक सुर में एक दूसरे से यही सवाल कर रहे है कि क्या ऐसा संभव है? अब जबकि इतिहास रच ही दिया गया है और एक ही पोस्टर में योगी और मुलायम साथ आ गए है साफ है सपा के वरिष्ठ नेता चौधरी सुखराम सिंह यादव ने निजाम ए कुदरत को सीधी चुनौती दी है.
चौधरी सुखराम सिंह यादव ने जो किया है अखिलेश यादव के तो होश ही फाख्ता हो गए होंगे
बताते चलें कि अभी बीते दिनों ही चौधरी साहब ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ की है. योगी के कामों की प्रशंसा करते हुए जहां चौधरी सुखराम सिंह यादव ने उनकी शान में एक के बाद एक कसीदे पढ़े तो वहीं उन्होंने ये भी कहा कि जब तक मुलायम सिंह है तब तक हम उनके साथ हैं बाद में कुछ और हो सकता है.
जैसी बातें सपा के वरिष्ठ नेता और सांसद चौधरी सुखराम सिंह यादव ने की हैं साफ संकेत मिल रहे हैं कि जल्द ही वो सायकिल की गद्दी से उतरकर कमल का डंठल थामे हुए फ़ोटो अखबारों में छपवा सकते हैं. ध्यान रहे कि अभी बीते दिनों ही सुखराम यादव और उनके बेटे मोहित यादव उस वक्त चर्चा में आए थे जब कानपुर में उन्होंने अपने पिता चौधरी हरमोहन सिंह यादव की जन्म शताब्दी कार्यक्रम में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को संबोधित होकर एक अहम बात की थी.
चौधरी सुखराम सिंह यादव ने कहा था कि वे मरते दम तक मुलायम सिंह यादव के साथ रहेंगे लेकिन उनका बेटा भाजपा जॉइन कर सकता है. स्वतंत्र देव सिंह की तरफ इशारा करते हुए चौधरी सुखराम सिंह यादव ने कहा था कि 'उन्होंने मेरे बेटे को पटिया लिया है. सपा-भाजपा अपनी अपनी जगह काम कर रही हैं. बेटा अब बालिग हो गया है हम उसे रोकेंगे नहीं, उसने जो निर्णय लिया है वो उसका अपना है.
पोस्टर में मुलायम संग योगी क्यों है? ये चौधरी सुखराम सिंह यादव की इसी प्रोग्राम में कही उस बात से भी जाहिर हो जाता है जिसमें उन्होंने कहा था कि योगी जैसा मुख्यमंत्री मैंने जीवन में नहीं देखा. उनका कोई परिवार नहीं है. पूरा प्रदेश ही उनका परिवार है, ऐसा मुख्यमंत्री प्रदेश को पहली बार मिला है और मेरी शुभकामनाएं उनके साथ हैं.
बात चूंकि पोस्टर की हुई है और पोस्टर में निजाम ए कुदरत को चैलेंज करने की हुई है तो बताना जरूरी हो जाता है कि योगी और मुलायम दो विपरीत धुरी के नेता है. योगी को जहां फायर ब्रांड और मुखर नेता माना जाता है तो वहीं दूसरी तरफ तमाम राजनेता मुलायम को मृदभाषी मानते है. चूंकि दोनों की पार्टियां और कार्यप्रणाली अलग है इसलिए भी राजनीतिक पंडित इसे एक विचलित करने और होने वाली घटना मान रहे हैं.
राजनीति के गलियारों में इसे लेकर बहस तेज है कि आखिर ऐसे कैसे चौधरी साहब द्वारा दो तलवारों को एक ही म्यान में रख दिया गया. बात तो सही है सपा और भाजपा की पॉलिटिक्स किसी से छुपी नहीं है. ऐसे में अगर चौधरी साहब ने ये किया है तो कुछ सोच समझकर और लंबी प्लानिंग के साथ किया है. चौधरी सुखराम जानते हैं कि योगी की गुड बुक्स में आने के अपने अलग फायदे हैं. वहीं जिक्र अगर अखिलेश यादव का हो तो जाहिर है अपने सांसद की इस हरकत से उन्हें सदमा जरूर लगा होगा.
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