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Updated: 01 जून, 2022 04:52 PM
सरिता निर्झरा
सरिता निर्झरा
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पल हैं ये प्यार के पल.... कल... याद आएंगे कल

एक कलाकार स्टेज से ही दुनिया को अलविदा कह गया. कल की रात संगीत की दुनिया का एक सितारा यूं गया कि हमेशा के लिए एक शून्यता दे गया. कृष्णकुमार कुनाथ यानि केके की मात्र 53 वर्ष की उम्र में कॉन्सर्ट के दौरान ही संदिग्ध रूप से दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. कोलकाता में ये कॉन्सर्ट का आयोजन गुरुदास कॉलेज की ओर से किया गया था. गायक दो दिवसीय कार्यक्रम के लिए शहर में थे. कार्यक्रम के दौरान ही केके बीमार हो गए. बेचैनी की शिकायत के बाद उन्हें होटल ले जाया गया और वहीं से उसके बाद अस्पताल. सीएमआरआई अस्पताल के एक कर्मचारी ने कहा, 'उन्हें रात करीब 10 बजे अस्पताल में मृत लाया गया था.' केके ने अपनी मौत से कुछ घंटे पहले ही कॉन्सर्ट की तस्वीरें भी पोस्ट कीं, 'आज रात नज़रूल मंच पर !! विवेकानंद कॉलेज !! लव यू ऑल,' उन्होंने लिखा.

KK, Death, Kolkata, Police, TMC, Social Media, Crowd, Bollywood, Singerकेके की मौत ने संगीतजगत और बॉलीवुड को सकते में डाल दिया है

किशोर कुमार को अपना आइडल मानने वाले केके ने कभी संगीत की शिक्षा नहीं ली. 3500 से ज्यादा जिंगल गाने वाले केके ने अपने पहले एल्बम 'पल' से सुनने वालो के दिलों में जो जगह बनाई उसे आज तक कोई और न ले पाया. एक पीढ़ी उनके गाये गानो में अपनी मोहब्बत दोस्ती और यारों के साथ बिताये पलों को समेटती रही है. "यारों दोस्ती बड़ी ही अजीब है.... ",

इस गाने को शायद ही किसी स्कूल और कॉलेज के आखिरी दिन पर बिछड़ने वाले दोस्तों ने न गुनगुनाया गए हो. अनायास सुन का आँखे नम कर देने की ताकत रखने वाली आवाज़ ने बॉलीवुड में कदम रखा एक बेहतरीन फिल्म और गाने से - विशाल भरद्वाज निर्देशित 'माचिस' में उनका गाया गाना 'छोड़ आये हम वो गलियां' बॉलीवुड के सबसे बेहतरीन गानो में से एक है. इसके बाद केके ने एक से एक नायब गाने अपने फैन्स को दिए.

संजय लीला भंसाली निर्देशित - हम दिल दे चुके सनम फिल्म में उनका गाया गीत - 'तड़प तड़प के इस दिल से आह निकलती रही' ने हर दिल को आह लेने पर मजबूर कर दिया था. ये गाना उनके करियर में मील का पत्थर सिध्द हुआ. हालांकि बीस साल के करियर में केके को बॉलीवुड की तरफ से वो सम्मान नहीं मिला जिसका उनके गाने हकदार थे.

हिंदी के अलावा केके तमिल तेलगु मराठी कन्नड़ बंगाली मलयालम गुजरती और असामी भाषा में गीत गए चुके थे. 31 मई की शाम हज़ारों की भीड़ उन्हें सुनने आयी थी. बहुत से लोगो का कहना है कि कॉंसर्ट के दौरान के.के पसीने से तर थे और गर्मी के कारण बार बार लाइट कम करने को भी कह रहे थे. जिस बेचैनी और पसीने की वजह खुद के के और आयोजकों ने शायद भीड़ और कोलकाता के उमस भरे मौसम को माना वो वजह कुछ और निकली .

बॉलीवुड ने पिछले तीन सालों में तीन बेहतरीन कलाकार खोये हैं - 2020 सुशांत सिंह राजपूत , 2021 सिद्धार्थ शुक्ला , 2022 के के. जहां एक ओर सुशांत की मौत की वजह डिप्रेशन और खुदखुशी रही, वहीं सिद्धार्थ और के.के की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई. समानताओं का सिलसिला यहीं नहीं रुकता - तीनो की उम्र कुछ ख़ास नहीं थी और तीनो ही अपनी फिटनेस के लिए जाने जाते थे.

ग्लैमर की दुनिया में अक्सर अस्वाभाविक ब्यूटी स्टैंडर्ड की बात की जाती है किन्तु हेल्थ और फिटनेस के स्टैंडर्ड पर कोई बात नहीं करता. जहां एक ओर फिटनेस हर ख़ास और आम के लिए बहुत ज़रूरी वहीं उसके रास्ते का सही होना भी ज़रूरी है. फिटनेस और लगातार काम करने की बाध्यता पुरुष कलाकारों के ऊपर भी एक दबाव बनती है. जहां सुशांत सिंह ग्लैमर की दुनिया में अकेलेपन और अवसाद का शिकार हुए वहीं सिद्धार्थ के दिल के दौरे का एक कारण उनकी एक्सेसिव जिमिंग यानि अधिक मात्रा में जिम की एक्सरसाइज़ को भी माना गया.

हालांकि केके की पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट अभी तक नहीं आई किन्तु कम उम्र में अचानक दिल का दौरा आज के कलाकारों पर मानसिक और शारीरिक दबाव की और इशारा करता है. के के अपने पीछे संगीत की दुनिया में एक खालीपन छोड़ गए हैं. उनके गानो को गुनगुनाते हुए यक़ीनन कई पीढ़ियां गुज़रेंगी - आवारापन बंजारापन, एक खला है सीने में...

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सरिता निर्झरा सरिता निर्झरा @sarita.shukla.37

लेखिका महिला / सामाजिक मुद्दों पर लिखती हैं.

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