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Updated: 05 नवम्बर, 2022 04:58 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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साल 2000 वो वक़्त जब जेपी दत्ता के वॉर ड्रामा रिफ्यूजी से अभिषेक बच्चन ने बॉलीवुड में एंट्री की थी. फिल्म में अभिषेक के साथ करीना कपूर थीं. जैसी एक्टिंग फिल्म में अभिषेक और करीना ने की, तमाम सिने क्रिट्क्स ऐसे थे, जिन्होंने डंके की चोट पर इस बात को कहा था कि मेल लीड होने के नाते अभिषेक को और मेहनत की जरूरत है. तब शायद अभिषेक को ये सुझाव इसलिए भी मिले हों क्योंकि वो सदी के महानायक अमिताभ बच्चन और जया बच्चन के बेटे हैं. बहरहाल, सवाल ये है कि क्या अभिषेक बच्चन एक्टिंग के लिहाज से पक्के हो गए हैं? क्या उनमें वो गम्भीरता आ गई है जो एक अच्छे एक्टर में होनी चाहिए? हां में जवाब उनकी कुछ एक हिट फिल्मों को देखकर दिया जा सकता है. लेकिन जब हम एक एक्टर के रूप में अभिषेक बच्चन को देखें. उनके काम को तौलें. तो मिलता यही है कि, वर्तमान में अभिषेक के खाते में बस यही है कि वो अमिताभ-जया बच्चन के बेटे और ऐश्वर्या राय के पति हैं. जिन्होंने भले ही बॉलीवुड में 22 साल गुजर लिए हों, मगर एक्टिंग के लिहाज से तमाम चुनौतियां हैं जिनका सामना मौजूदा वक़्त में उन्हें करना पड़ रहा है.

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उपरोक्त बातों को सुनकर अभिषेक बच्चन के फैंस को बहुत ज्यादा आहत होने या विचलित होने की कोई जरूरत नहीं है. हमने जो बातें ऊपर कहीं हैं उसकी पुष्टि उस वक़्त हो जाती है जब हम उन बातों को सुनें जो किसी और ने नहीं बल्कि खुद अभिषेक बच्चन ने की हैं. दरअसल इंडिया टुडे कॉन्क्लेव मुंबई 2022 में Breathe: Into The Shadows 2 के पूरे क्रू के साथ पहुंचे अभिषेक ने तमाम मुद्दों पर बात की है और साथ ही उन चुनौतियों का भी जिक्र किया जिनका सामना उन्हें इस वेब सीरीज में करना पड़ा.

अभिषेक Breathing New Life Into The crime thriller नाम के एक सेशन में बोल रहे थे जहां उनसे सवाल हुआ कि सीरीज में डॉक्टर अविनाश सबरवाल का रोल करने के बाद उनके लिए ये रोल भावनात्मक रूप से कितना मुश्किल था? सवाल का जवाब देते हुए अभिषेक ने कहा कि स्वीकार किया कि ब्रीद: इनटू द शैडो 2. में अपनी भूमिका निभाना उनके लिए चुनौतीपूर्ण था.

वहीं उन्होंने ये भी कहा कि यह बड़ा कठिन है. अभिनय मुश्किल है. हम अपने विषय में जितना भी अच्छा सोचते हैं, लेकिन एक क्षण वो भी आता है जब हमारे व्यक्तिगत अनुभव और भाव हमारी एक्टिंग में साफ़ साफ़ दिखाई देते हैं. चूंकि अभिषेक खुद एक बेटी के पिता है और सीरीज में भी उन्हें एक बेटी के बाप के रूप में दिखाया गया है इसलिए अभिषेक ने ये भी कहा कि इस तरह के रोल एक पिता के लिए काफी मुश्किल होते हैं.

सीरीज के डायरेक्टर मयंक शर्मा का जिक्र करते हुए अभिषेक ने कहा कि सेट पर मयंक कई बार पर्सनल लाइफ को याद दिला देते हैं और इसका कारण बस यही है कि सीन में सही इमोशन मिलें. कॉन्क्लेव में अपनी बात रखते हुए अभिषेक ने अपने प्रोफेशनल करियर के शुरूआती दिनों को भी याद किया और बताया कि,'जब मैं अपना करियर शुरू कर रहा था, मेरे पिता ने मुझे बताया था कि एक एक्टर को क्या करना चाहिए.

अमिताभ ने अभिषेक से कहा था कि, कोई एक्टर ये कह दे कि आज का दिन अच्छा नहीं था इसलिए परफॉरमेंस अच्छी नहीं हुई. ये सिर्फ एक बहाना भर है. दर्शकों को इन तर्कों की परवाह नहीं है. अंत में आपको उन्हें वही देना है जिस भाव को देखने के लिए उन्होंने थिएयर का रुख किया है.

विषय बहुत सीधा है. अभिषेक ने कॉन्क्लेव में अपने गुण और दोष सिर्फ इसलिए बताए क्योंकि अमेजन प्राइम पर उनकी वेब सीरीज ब्रीद: इनटू द शैडो 2 अभी हाल ही में रिलीज हुई है. जिसे लेकर अभिषेक बच्चन बहुत ज्यादा उत्साहित हैं. क्योंकि कॉन्क्लेव में अभिषेक ने चुनौतियों पर अपना पक्ष रखा है. तो अब तक उनकी जितनी भी फ़िल्में रिलीज हुई हैं, यदि उन्हें देखें तो महसूस यही होता है कि उन फिल्मों को करते हुए अभिषेक सहज कहीं से भी नहीं थे. चाहे वो एक्टिंग रही हो या फिर फिल्म की स्क्रिप्ट तमाम चुनौतियाँ थीं जिनका सामना एक एक्टर के रूप में उनको करना पड़ा था.

जैसा कि हम ऊपर ही इस बात को जाहिर कर चुके हैं कि आज अभिषेक को इंडस्ट्री में दो दशक से ऊपर का समय हो चुका है. सोचने वाली बात ये है कि यदि कोई व्यक्ति सिनेमा जगत में दो दशक बिताने के बाद अपनी नाकामी के लिए सारा दोष चुनौतियों के सिर डाले तो वो कितना बड़ा एक्टर होगा? इसपर न तो कुछ बहुत ज्यादा कहने की ही जरूरत है और न सोचने और समझने की. कह सकते हैं कि एक एक्टर के रूप मन अभी भी अभिषेक बच्चन के पास कुछ साल बचे हैं. बेहतर है वो अपनी स्किल पर, अपनी एक्टिंग पर, अपने क्राफ्ट पर काम करें वरना होगा यही कि जब जब उनके खाते में कोई नयी फिल्म आएगी वो उसके लिए भी वही कहेंगे जो उन्होंने ब्रीद इन टू द शैडो के लिए कहा.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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