प्रवीण शेखर
praveen.shekhar.37
लेखक इंडिया ग्रुप में सीनियर प्रोड्यूसर हैं
सियासत | 3-मिनट में पढ़ें
सियासत | 4-मिनट में पढ़ें
उन्नाव रेप पीड़िता की कहानी एक प्रभावशाली नेता के खिलाफ जंग से काम नहीं है
दुर्भाग्य ये है कि उन्नाव पीड़िता का पत्र CJI रंजन गोगोई के पास पहुंचा ही नहीं. अब इस रिपोर्ट से यह उजागर होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपने सेक्रेटरी जनरल से रिपोर्ट मांगी कि उन्नाव बलात्कार पीड़िता की ओर से CJI रंजन गोगोई को लिखा पत्र उनके सामने क्यों नहीं रखा गया.इकोनॉमी | 4-मिनट में पढ़ें
सियासत | 5-मिनट में पढ़ें
सियासत | 4-मिनट में पढ़ें
सियासत | 5-मिनट में पढ़ें
कर्नाटक संकट: क्या सदस्यों का इस्तीफा देना एक अयोग्यता का मामला है? जानिए...
दलबदल निंदनीय है, खासकर यदि यह प्रक्रिया एक शासन को गिराने और दूसरा बनाने के लिए किया जाता है. लेकिन राजनेताओं को उनकी वर्तमान विधायकी स्थिति से नहीं निकलने देने के बहाने उनकी इच्छा के खिलाफ पार्टियों से बांधा नहीं जा सकता है.समाज | 4-मिनट में पढ़ें
सियासत | 3-मिनट में पढ़ें
क्या परेशान बीजेपी अम्बेडकर की विरासत पर दावा करने को मजबूर है?
बीजेपी का दावा है कि उसने अंबेडकर जैसी शख्सियत को राजनीतिक प्रवचन में वापस ला दिया है जिसे कांग्रेस ने अनदेखा कर दिया था. आरएसएस ने भी पिछले कुछ वर्षों से इस दलित शख्सियत पर विशेष ध्यान दिया है और इन्हें बड़े हिंदू नेताओं की कतार में शामिल कर लिया है.सियासत | 3-मिनट में पढ़ें
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सियासत | 4-मिनट में पढ़ें
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