
सुशोभित सक्तावत
लेखक इंदौर में पत्रकार एवं अनुवादक हैं.
टेक्नोलॉजी | 5-मिनट में पढ़ें

Nasa Galaxy photo: सिद्ध हुआ हम आइंश्टाइन के यूनिवर्स में ही जी रहे हैं!
सौ से भी ज़्यादा साल पहले, 1915 में अल्बर्ट आइंश्टाइन ने जनरल रेलेटिविटी का प्रतिपादन किया था, जिसमें यह चकित कर देने वाला दु:साहसपूर्ण पूर्वानुमान था कि विशालकाय ऑब्जेक्ट्स की ग्रैविटी स्पेसटाइम के फैब्रिक को डिस्टॉर्ट (विरूप) करती है और लाइट को बेंड होने को मजबूर कर देती है.समाज | 6-मिनट में पढ़ें

नूपुर शर्मा पर सुप्रीम कोर्ट जजों की टिप्पणी सभ्यता के नैरेटिव की हार है!
एक शब्द होता है इनवोकेशन. आह्वान. पुकार. सर्वोच्च अदालत के माननीय न्यायाधीशों ने समाज की उग्र और हिंसक चेतना को पुकारा है और स्पष्ट रूप से यह इशारा कर दिया है कि अपनी भावनाएं आहत करके देश का माहौल ख़राब करने की ताक़त अगर दिखा सकते हो तो हम तुम्हें संरक्षण देंगे.सियासत | 5-मिनट में पढ़ें

वास्तव में धर्मनिरपेक्षता की आड़ में भारत एक इस्लामिक मुल्क है!
नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) की याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च अदालत (Supreme Court) ने आज देश का कैरेक्टर परिभाषित कर दिया है. उदयपुर हत्याकांड के बाद भी उलटे नूपुर को सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगने पर मजबूर किया गया, तो हम सबको अपने चेहरों पर कालिख पोत लेनी चाहिए.सियासत | 7-मिनट में पढ़ें

भारत के मुसलमानों को दो-तीन बातें समझ लेना ज़रूरी है!
जब तक इस्लाम के नौजवान विद्रोह नहीं करेंगे और अपनी वरीयता को मज़हब से हटाकर नौकरी, शिक्षा, कॅरियर, समाज की मुख्यधारा पर नहीं लाएंगे, कुछ होना नहीं है. हिन्दू राष्ट्रवादियों को चुप कराने का भी यही रास्ता है कि मुस्लिम सच्चे सेकुलर बन जावें. उनको यह मान लेना होगा कि दुनिया उनके हिसाब से नहीं चलेगी, उनको दुनिया के हिसाब से चलना होगा.समाज | 8-मिनट में पढ़ें

Veg Vs Non-Veg: पशुओं को जीवित रहने का अधिकार है या नहीं?
क्या आज भारत में 78 प्रतिशत लोग मांसाहारी हैं? मुझे नहीं मालूम यह आंकड़ा किस आधार पर प्राप्त किया गया, किन्तु अगर यह सच है तो घोर निराशा में डूबने का यह प्रयोजन है. भारत के नैतिक पतन का यह सबसे बड़ा साक्ष्य है कि आज यहां 78 प्रतिशत लोग वधिक और रक्तपिपासु हैं.समाज | 8-मिनट में पढ़ें

हिजाब पर सवाल, जिन्हें हिजाब समर्थक स्त्रियों से पूछा जाना चाहिए
हिजाब पहनने वाली स्त्री से उसके इस निर्णय पर प्रश्न ना करते हुए केवल इस निर्णय के औचित्य पर प्रश्न किया जाना चाहिए और वह भी बड़ी विनम्रता से. जो बग़ावती होता है या ख़ुद को बग़ावती समझता है, वह नारा उछालने के लिए तो मानसिक रूप से तैयार होता है, लेकिन अपनी बात को उचित परिप्रेक्ष्य में रखने की उसकी उतनी तैयारी अमूमन नहीं होती है.संस्कृति | 7-मिनट में पढ़ें

Dholavira: विश्व धरोहर की यूनेस्को लिस्ट में शामिल हुई दुनिया की सबसे पुरानी स्मार्ट सिटी
यूनेस्को का धोलावीरा (Dholavira) को विश्व-विरासत सूची में सम्मिलित करना बेहद महत्वपूर्ण है. धोलावीरा का नगर-नियोजन और इसकी जल-संरक्षण की योजनाएं उत्तम कोटि की पाई गई हैं. आज से 4500-5000 साल पहले दुनिया में इस श्रेणी का नगर-नियोजन कहीं नहीं था.संस्कृति | 8-मिनट में पढ़ें

फिलिस्तीनी पहचान और महात्मा गांधी के विचार
अंग्रेज़ों के लिए इंग्लैंड, फ्रैंच के लिए फ्रांस, फ़लस्तीनियों के लिए अरब, हिंदुस्तानियों के लिए हिंदुस्तान- इस आशय के कथनों की व्याख्या तब कैसे की जाए, क्योंकि अंग्रेज़, फ्रैंच, फ़लस्तीनी, हिंदुस्तानी- ये तमाम राष्ट्रीयताएँ हैं और इज़रायल-फ़लस्तीन संघर्ष के मूल में सामुदायिक संघर्ष का प्रश्न है.सियासत | 9-मिनट में पढ़ें
सियासत | 5-मिनट में पढ़ें

इजरायल के खिलाफ मुसलमानों की एकजुटता बताती है कि इस्लाम धर्म नहीं, राजनीतिक आंदोलन है
पूरी दुनिया के मुसलमान इस पर एकमत हैं कि कश्मीरी, रोहिंग्या, उईगर, फलस्तीनी लोगों पर जुल्म हो रहा है लेकिन कुर्दों, यजीदियों, बलूचों, आर्मेनियाई कौम, शिया और अहमदियों पर हो रहे ज़ुल्म के लिए उनकी कोई आवाज बरामद नहीं होती. लेकिन, इसकी वजह भी साफ है...स्पोर्ट्स | 8-मिनट में पढ़ें
समाज | 9-मिनट में पढ़ें
