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Updated: 16 दिसम्बर, 2019 07:17 PM
पारुल चंद्रा
पारुल चंद्रा
  @parulchandraa
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पाकिस्तान और चीन (Pakistan and China) के बीच की दोस्ती के बारे में आपने सुना ही होगा. लेकिन ये दोस्ती अब रिश्तेदारी में बदल गई है. चीनी लड़के अब दुल्हन पाकिस्तान से लेकर जाते हैं. पिछले दिनों चीनी दूल्हे और पाकिस्तानी दुल्हनों (Pakistani brides) की शादी की तस्वीरें भी खूब देखी गईं. लेकिन शादी के बाद क्या हुआ किसी को नहीं पता. लेकिन दुल्हन बनकर चीन गई एक महिला जब दो महीने बाद किसी तरह पाकिस्तान लौटी तो चीन और पाकिस्तान की इस रिश्तेदारी का सच सामने आ गया.

पहले तो बता दें कि ये शादी शादी नहीं बल्कि सौदा होता है. लड़कियों को दुल्हन बनाकर बेचा जाता है. इसी तरह 37 साल की सामिया डेविड को भी उसके परिवार ने एक चीनी पुरुष को बेच दिया था. लेकिन जब सामिया लौटी तो कोई उसे पहचान ही नहीं पाया, वो कुपोषित थी, इतनी कमजोर थी कि चल भी नहीं पा रही थी, लड़खड़ाती आवाज और बेसुध थी. परिवार वालों ने पूछा तो बस इतना कहा- 'मुझसे मत पूछो कि वहां मेरे साथ क्या-क्या हुआ'. कुछ ही हफ्तों बाद उसकी मौत हो गई.

pakistani brideसामिया के साथ चीन में जो कुछ घटा उसे बयां करने की हालत में ही नहीं थी

टाइम में छपे एक लेख के मुताबिक, सामिया जो अब कब्रस्तान में दफन है कभी पाकिस्तान के पूर्वी पंजाब इलाके के एक गांव में रहती थी. दो कमरे के एक तंग मकान में अपने भाई और अपनी विधवा मां के साथ रहती थी. पाकिस्तान के ईसाई सबसे ज्यादा गरीब होते हैं. ये भी मुफलिसी में जीवन बिता रहे थे. सामिया के कजिन मसीह का कहना है कि सामिया के भाई ने बहन की शादी चीनी आदमी से करवाने के लिए दलालों से पैसे लिए थे. लेकिन वो इस बात को स्वीकर नहीं करता. मैरिज सर्टिफिकेट पर स्थानीय पादरी के साइन भी थे, ये पादरी फिलहाल गायब है, पुलिस इसे खोज रही है. साल 2018 के अंत में ये शादी हुई थी और शादी के कुछ महीनों के बाद सामिया अपने पति के साथ चीन चली गई.

मसीह का कहना है कि सामिया जब गई थी तो स्वस्थ और हट्टी कट्टी थी. दो महीने बाद ही उसके भाई को फोन आया कि अपनी बहन को लाहौर एयरपोर्ट से ले लें. वहां सामिया व्हीलचेयर पर थी, क्योंकि चलने के लिए शरीर में जान ही नहीं थी. वो इस तरह लौटी तो कोई उसे पहचान ही नहीं पाया. क्योंकि चेहरा काला पड़ गया था, शरीर दुर्बल, गाल और आंखे गड्ढे में. बात कम करती और शून्य में ज्यादा निहारती थी सामिया. और 1 मई को उसकी मौत हो गई.

डॉक्टर जिसके पास सामिया एक बार गई थी उनका कहना था कि सामिया जब आई थी तो बहुत कमजोर थी, कुपोषित थी. उसे अनीमिया और पीलिया हो गया था.उसका वजन भी बहुत कम था. उसे टेस्ट करवाने की सलाह भी दी गई थी और उसके भाई से उसे अस्पताल में भर्ती कराने के लिए भी कहा था. लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया गया.

सामिया के death certificate में मौत का कारण 'प्राकृतिक' लिखा हुआ था. भाई ने बहन के बारे में पुलिस से बात करने से इनकार कर दिया. वो कहता है कि उसके पास पोस्टमार्टम की कोई रिपोर्ट नहीं है और शादी के कागज, सामिया के पति के पासपोर्ट की कॉपी और शादी की तस्वीरें सब खो गई हैं. मसीह का कहना है कि परिवार सच छिपा रहा है क्योंकि उन्होंने सामिया को पैसों के लालच में बेचा था.

pakistani brideअपने पति के साथ बैठी सामिया की तस्वीर ही सारा फर्क समझा रही है

महिलाओं की कमी पाकिस्तान से पूरी कर रहा है चीन

बताया जाता है कि सामिया का पति पूर्वी शेडोंग प्रांत के एक पिछले और गरीब इलाके से था. ये वो इलाका है जो पुरुष प्रधान और रूढ़िवादी है जहां लड़कों का पक्षधर है. यहां लड़कियां कभी पैदा नहीं हुईं, क्योंकि लोगों को लड़का ही चाहिए होता है. और इसीलिए अब लड़कों की शादी के लिए लड़कियां बची नहीं, लिहाजा यहां विदेशी पत्नियों की मांग है. बता दें कि चीन में महिलाओं की तुलना में करीब 34 मिलियन ज्यादा पुरुष हैं. और इसीलिए सामिया जैसी कई लड़कियां जो गरीब परिवार से हैं और उनके परिवार वाले पैसों के लालच में लड़की को बेच देते हैं. हां औपचारिक तौर पर शादी का सर्टिफिकेट जरूर बना लिया जाता है. औऱ वो बन जाती हैं पाकिस्तानी दुल्हन.

कैसे काम करता है ये रैकेट

मानव तस्करी का ये नेटवर्क चलाते हैं पाकिस्तानी और चीनी दलाल, और इसके शिकार होते हैं ईसाई लोग क्योंकि इन्हीं को पैसों की सबसे ज्यादा जरूरत होती है. ये अपनी बहन और बेटियों को पैसे के लिए बेच सकते हैं. इनमें से कुछ लड़कियां तो नाबालिग होती हैं. दलाल छोटे मोटे चर्च के पादरी को ये काम करने के लिए पैसा खिलाते हैं और वो इनके लिए शादी का सर्टिफिकेट बना देते हैं, जिससे सबकुछ कानूनी लगे. चर्च के पादरी से लेकर मस्जिद के मौलवी तक इस रैकेट में शामिल होते हैं.

एक बार ये लड़कियां चीन पहुंच जाती हैं तो वहां इनकी कोई पूछ नहीं होती, उन्हें शोषित किया जाता है और वेश्यवृत्ति में धकेल दिया जाता है. और ये महिलाएं हमेशा वापस घर भेज देने की मिन्नतें करती रहती हैं. वहां दुल्हन बनकर गई महिलाओं ने एक्टिविस्ट को बताया कि वहां उन्हें बेसहारा कर दिया जाता है, उनके साथ शारीरिक और मानसिक शोषण किया जाता है. कई को तो खाना भी नहीं मिलता. 

शोषण झेलने वाली सामिया अकेली नहीं थी

सामिया की रहस्यमयी मौत ही इस बात का सुबूत है कि पाकिस्तान महिलाओं और लड़कियों के साथ कितना दुर्व्यवहार और शारीरिक शोषण किया जाता है. सामिया अकेली नहीं थी जिसके साथ ऐसा हुआ.

24 साल की सामिया यूसुफ को भी इसी तरह से जबरन दुल्हन बनाया गया था. वो गर्भवती होने पर अपने पति के साथ चीन चली गई थी. वहां पहुंचने पर उसने ऐसा कुछ भी नहीं पाया जो उसके पति ने कहा था. वो अच्छे घर से भी नहीं था. वो एक खेत के कोने में एक कमरे के घर में रहते थे जिसमें मकड़ियों का बसेरा था. ऑपरेशन से उसने एक बेटे को जन्म दिया और जन्म के बाद से ही उसपर अत्याचार शुरू हो गए. पति ने खाना देना भी बंद कर दिया था. सामिया का कहना है कि वो उसे मार देना चाहते थे. तीन हफ्ते बाद ही सामिया का वीजा एक्सपायर हो गया. सामिया को पाकिस्तान वापस भेज दिया गया लेकिन बच्चे के बगैर. सामिया 2017 में पाकिस्तान आ गई थी और आज भी अपने बच्चे के लिए इस मां का दिल हमेशा रोता है.

pakistani brideबच्चा पाने और शारीरिक जरूरतों के लिए महिलाएं खरीदकर ले जाते हैं चीनी

मानव तस्करी के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों का कहना है 2018 से 2019 की शुरुआत तक 629 पाकिस्तानी लड़कियों को चीन को बेच दिया गया. लेकिन बीजिंग के साथ पाकिस्तान के संबंध खराब न हों इस डर से सरकारी अधिकारियों ने जांच को रोक दिया है.

अब हालातों को अंदाजा लगाइए कि किस तरह चीन हर तरफ से पाकिस्तान से कीमत वसूल रहा है. वहां के लोगों को वंश बढ़ाने और हवस मिटाने के लिए महिलाएं चाहिए जो वहां उपलब्ध नहीं हैं. इसलिए दुल्हनें गरीब इलाकों से खरीदी जा रही हैं. काम खत्म होने के बाद जब इन दुल्हनों की जरूरत नहीं होती तो इन्हें वापस भेज दिया जाता है, लेकिन हर किसी की किस्मत इतनी अच्छी नहीं होती. चीन में रहने वाली पाकिस्तानी अल्पसंख्यक लड़कियों के साथ हो रहा ये व्यवहार अमानवीय है और सबसे अमानवीय ये कि पाकिस्तान सरकार इसके खिलाफ कुछ नहीं करती क्योंकि संबंध खराब होने का डर जो है.

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लेखक

पारुल चंद्रा पारुल चंद्रा @parulchandraa

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं

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