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Updated: 10 अगस्त, 2018 08:17 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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जब पानी चलता है तो अपना रास्ता खुद ही बना लेता है और जो भी कुछ रास्ते में आता है, वो तबाह हो जाता है. केरल में हो रही बारिश से वहां कुछ ऐसा ही आलम हो गया है. बारिश इतनी अधिक हुई है कि अब तक करीब 26 लोगों की मौत हो चुकी है और बहुत सारे लोग लापता हैं. बचाव कार्य भी तेजी से चल रहा है, लेकिन भारी बारिश के सामने जैसे सब कुछ नाकाफी हो गया है. केरल की स्थिति कितनी भयावह है इसके बारे में खुद मुख्यमंत्री पिनराई विजयन भी बोल चुके हैं. उन्होंने बताया कि केरल के इतिहास में पहली बार इतनी अधिक बारिश हुई है कि 22 बांधों को एक साथ खोलने की नौबत आई है, क्योंकि उनमें जलस्तर अधिकतम सीमा तक पहुंच चुका है. एशिया के सबसे बड़े अर्ध चंद्राकार बांध इडुक्की के चेरूथोनी बांध को 26 सालों बाद खोला गया है. केरल में हालात कितने भयावह हो चुके हैं इसका अंदाजा आपको ये वीडियो देखकर ही लग जाएगा.

केरल में बारिश से हालात इतने खराब हो चुके हैं कि पिछले कुछ दिनों में ही 10 हजार से भी अधिक लोगों को करीब 157 राहत शिविरों में भेजा गया है. यहां तक कि अमेरिका ने भी इस बाढ़ को देखते हुए एक एडवाइजरी जारी की है कि अमेरिकी नागरिक इन दिनों केरल की यात्रा न करें.

आखिर इस बार क्यों हो रही है ऐसी तबाही?

केरल में जिस तरह की भयावह स्थिति हो गई है, उसे देखकर हर कोई हैरान है. लोग सोच रहे हैं कि जहां मानसून सबसे पहले पहुंचता है, वहां मानसून ने इतनी भायवह स्थिति कैसे पैदा कर दी. आपको बता दें कि बारिश से सबसे अधिक खराब हालात इडुक्की जिले के हैं. केरल में 24 घंटे में 337 फीसदी तक बारिश हुई है. इतने समय में औसतन 13.9 मिमी. बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन 66.2 मिमी. बारिश यानी करीब 5 गुना अधिक बारिश हुई है, जिसके चलते हालात बेकाबू हो गए हैं. आर्मी, एयरफोर्स और एनडीआरएफ की टीमें मिलकर लोगों को बचाने में लगी हुई हैं, लेकिन कुदरत के कहर के सामने सारी कोशिशें बौनी साबित हो जा रही हैं.

केरल, बारिश, मौत, तबाही24 घंटे में औसतन 13.9 मिमी. बारिश होती है, लेकिन इस बार 66.2 मिमी. हुई है.

डरे रहते हैं इडुक्की जिले के लोग

जब भी बरसात आती है तो इडुक्की जिले के लोगों को ये डर सताने लगता है कि कहीं बारिश अधिक ना हो जाए. इस बार तो इडुक्की बांध का दरवाजा खोलना ही पड़ गया. पेरियार नदी पर बना इडुक्की हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट (780 मेगावाट) केरल का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है. इस बांध के दरवाजे खुलने से पेरियार नदी में जल का स्तर बहुत अधिक बढ़ जाता है, जिसकी वजह से लोगों जान-माल का भी खूब नुकसान होता है. बरसात के मौसम में अक्सर पानी का स्तर बढ़ता था, लेकिन इतना नहीं, जितना इस बार बढ़ गया है.

केरल, बारिश, मौत, तबाहीहर बारिश में लोगों को यही डर रहता था कि कहीं इडुक्की बांध के गेट ना खुल जाएं.

केरल के मुन्नार में बहुत सारे विदेशी लोग भी घूमने के लिए आते हैं, लेकिन इस बरसात में वहां सभी बुरी तरह से फंस चुके हैं. स्थिति अधिक भयानक इसलिए हो गई है क्योंकि बाढ़ की वजह से जगह-जगह भूस्खलन हो रहा है. केरल के मामले में ये भी नहीं कहा जा सकता है कि प्रशासन ने बाढ़ से निपटने की तैयारी नहीं की थी, क्योंकि बारिश हुई ही इतनी अधिक है. जरा सोचिए, कहीं 24 घंटे में ही सामान्य से 5 गुना अधिक बारिश हो जाए तो ऐसे में कौन से इंतजाम काम आएंगे. खैर, बचाव कार्य में सेना तो लगी ही हुई है साथ ही हेलिकॉप्टर लिए नेवी भी जगह-जगह फंसे लोगों को निकाल रही है.

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